Rajsamand: राजसमंद के कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रह रही छात्राओं को बरसाती पानी से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कस्बे के कांकरोली मार्ग पर बने कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय के परिसर में कुल 2 भवन बने हुए हैं जिनमे से एक भवन में कक्षा 6 से 8 की बालिकाएं हैं, तो दूसरे भवन में 9वीं से 12वीं तक की बालिकाएं निवास कर रही हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आवासीय विद्यालय का भवन मुख्य सड़क मार्ग से काफी नीचा बना हुआ होने से बरसात के दिनों में तमाम बरसाती पानी विद्यालय परिसर में जमा हो जाता है. ऐसे में छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं को अध्ययन के लिए दूसरे विद्यालय तक पहुंचने के लिए प्रतिदिन इसी पानी में से होकर गुजरने को विवश होना पड़ रहा है.


आवासीय विद्यालय में रहने वाली छात्राएं अध्ययन के लिए अन्य विद्यालय जाने के लिए तैयार तो होती हैं लेकिन जूते नहीं पहन सकतीं. ये बालिकाएं अपने स्कूल बैग के साथ जूतों को हाथ में लिए आवासीय विद्यालय से मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचती हैं और यहां सड़क पर बैठकर जूते पहनने को विवश हो रही है. विद्यालय से छात्रावास तक निकलना हो अथवा छात्रावास से निकलकर विद्यालय पहुंचना हो इन छात्राओं के लिए बारिश आगे की परेशानियों को पहले से बयां करने लगती है.


आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप सड़क के नीचे बरसाती पानी की निकासी के लिए एक छोटी पुलिया भी बनी हुई है. जिसका भी तमाम पानी बहकर आवासीय छात्रावास के परिसर में घुसता रहता है.


विद्यालय के परिसर में भरा पानी बारिश थम भी जाती है तो यह पानी कीचड़ में तब्दिल हो जाता है जिससे छात्राओं की परेशानियां ओर बढ़ जाती हैं. विद्यालय के संस्था प्रधान द्वारा इस समस्या को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों के साथ जन प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया लेकिन आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं मिल पाया.


वहीं इस विषय पर नोडल अधिकारी ऊषा टेलर का कहना है कि मानसून के दिनों में छात्राओं के सामने आवाजाही की गंभीर समस्या रहती है. इस मामले को लेकर अधिकारियों को अवगत कराया गया है. समस्या का समाधान नहीं हुआ पुनः लिखित रूप से सूचित किये जाने की कार्रवाई की जाएगी.


Report-Devendra Sharma


ये भी पढ़ें- Alwar Crime Graph: अलवर में डर लगता है, 72 घण्टे में हांसी में तीन हत्याएं से दहला इलाका


अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें