राजसमंद: पुजारी को जिंदा जलाने के मामले पर CID सीबी करेगी जांच, 20 लाख रुपये मुआवजा और बेटों को संविदा पर दी जाएगी नौकरी
Rajsamand News: राजसमंद के देवगढ़ थाना इलाके में पुजारी दंपति को जिंदा जलाने मामले में अब सीआईडी सीबी जांच करेगी. इसी के साथ पुजारी के बेटों को संविदा पर नौकरी दी जाएगी.
Rajsamand News: राजस्थान के राजसमंद के देवगढ़ थाना इलाके में स्थित हीरा की बस्ती में कुछ बदमाशों द्वारा 20 नवंबर की रात में पेट्रोल डालकर पुजारी दंपति को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया था. इस घटना में पुजारी नवरत्न और उनकी पत्नी दोनों ही गंभीर रूप से झुलस गए थे तो वहीं 26 नवंबर की सुबह पुजारी ने उपचार के दौरान हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया और पुजारी की पत्नी अभी भी मौत से जंग लड़ रही है.
पुजारी की मौत की सूचना जैसे ही परिजनों और समाज के लोगों को लगी तो मौके पर ही समाज के लोग एकत्रित हो गए. ऐसे में पुजारी के शव को हॉस्पिटल से उनके निवास देवगढ़ लाया गया तो वहीं परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया.
बता दें कि शव को देवगढ़ उपखंड कार्यालय के अंदर पुलिस सुरक्षा के बीच रखवाया गया. इस बीच परिजनों को न्याय दिलाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर राजसमंद सांसद दीया कुमारी, राजसमंद भाजपा जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ, मावली से विधायक धर्मनारायण जोशी, पूर्व विधायक हरिसिंह रावत व राजसमंद भाजपा नेता नर्बदा शंकर पालीवाल सहित भाजपा के तमाम नेता देर रात तक धरने पर बैठे रहे. काफी देर धरने पर बैठने के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन से वार्ता को तैयार हुआ.
बता दें कि सांसद दीया कुमारी के नेतृत्व में मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ सहित अन्य ने राजसमंद अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरन शर्मा व राजसमंद एएसपी शिवलाल बैरवा से वार्ता की. करीब 3 घंटे से ज्यादा चली वार्ता के बाद कुछ मांगों पर सहमति बनी, जिसमें सबसे पहले ज्यादा से ज्यादा यानि 20 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार को सुरक्षा, संविदा पर पुजारी के दोनों बेटों को नौकरी और इस पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवाने पर परिजन और भाजपा तैयार हुई, जिसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए. इस पूरे मामले में अब तक 8 बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनसे पुलिस की पूछताछ जारी है.
वहीं, मीडिया से वार्ता के दौरान राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने बताया कि जिला प्रशासन से वार्ता के दौरान आश्वासन दिया गया है कि पुजारी के दोनों बेटों को संविदा पर नौकरी पर रखा जाएगा. उसके बाद इन्हें सरकारी नौकरी देने के लिए भी आश्वासन दिया गया है, ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा और इस मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवाई जाएगी तो वहीं परिवार को सुरक्षा के साथ जमीन विवाद के मुद्दे को भी सुलझाया जाएगा.
इस पूरे मामले पर राजसमंद अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया इनकी मुख्य मांग मुआवजे को लेकर थी, उस पर सहमति बन गई है. पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत जितना मुआवजा होगा उतना इन्हें दिलाया जाएगा तो वहीं इनकी दूसरी मांग सरकारी नौकरी को लेकर भी इसके लिए राज्य सरकार को निवेदन कर दिया जाएगा तब तक इनको संविदा पर नौकरी पर रखा जाएगा तो वहीं परिवार को सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान तैनात रहेंगे और मंदिर का ताला खुलवाया जाएगा.
पुजारी दंपति को जिंदा जलाने के मामले में राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें मावली से विधायक धर्मनारायण जोशी ने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि परिवार को न्याया दिलाने के लिए हमारी भाजपा की टीम परिजनों के साथ देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी रही तो वहीं काफी देर बाद प्रशासन ने कुछ मांगों पर सहमति जताई. इसमें परिवार को सुरक्षा, मामले की जांच सीआईडी सीबी से होगी, पुजारी के दोनों बेटों को संविदा पर नौकरी रखने के बाद राज्य सरकार को सरकारी नौकरी के लिए लिखा जाएगा सहित 20 लाख रुपये के मुआवजे पर सहमति बनी है.
बता दें कि देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर चल रहे धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस का भारी जाप्ता मौके पर मौजूद रहा, जिसमें एएसपी शिवलाल बैरवा, राजसमंद डिप्टी बेनी प्रसाद मीणा, भीम डिप्टी राजेंद्र सिंह, राजनगर सीआई डॉ. हनवंत सिंह राजपुरोहित, भीम सीआई रमेश, दिवेर थानाधिकारी दिलीप सिंह, बार थानाधिकारी दीपेंद्र सिंह, आमेट थानाधिकारी देवेंद्र सिंह, देवगढ़ द्वितीय थानाधिकारी प्रताप सिंह सहित अन्य थानों का भारी पुलिस जाप्ता तैनात रहा. वहीं, देवगढ़ एसडीएम शिवराज मीणा और आमेट एसडीएम निशा सारण भी मौके पर मौजूद रही.