Nathdwara, Rajsamand News: राजस्थान के राजसमंद जिले में रोडवेज का एक बस स्टैंड ऐसा भी मानो जिसे विभाग बनाकर भूल गया हो. बता दें कि यहां पर सिर्फ गांववालों को ही पता है कि इस जगह पर रोडवेज का बस स्टेंड हैं, लेकिन बाहर से आने वाले किसी भी यात्री को यह पता नहीं चलता है कि यहां कोई बस स्टैंड है.


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इस रोडवेज के बस स्टैंड पर ना तो ​कोई सूचना का बोर्ड है और ना यात्रियों के लिए कोई सुविधा है. इसके लिए यहां के ग्रामीण लगभग 2016 से संघर्ष कर रहे हैं कि बस स्टेंड को सही किया जाए और बसों का ठहराव और यहां से नियमित बसें निकलें.


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यह पूरा मामला राजसमंद जिले की नाथद्वारा विधानसभा में आने वाले देलवाड़ा क्षेत्र का है. यहां पर एकलिंगनाथजी का प्रसिद्ध मंदिर होने के चलते पर्यटकों व श्रद्धालुओं की भारी आवाजाही रहती है, लेकिन सुविधा के नाम पर यहां पर कुछ भी नहीं है.


देलवाड़ा बस स्टैंड का जब जायजा लिया तो वहां पर देखा कि यात्रियों को बस के लिए लगभग 2 से 3 घंटे तक रोडवेज बस का इंतजार करना पड़ता है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कॉलेज के समय में यहां के छात्र-छात्राएं कभी परेशान होते हैं. रोडवेज बस समय पर नहीं आती हैं और रोडवेज बस सीधे ही बाइपास से होकर निकल जाती है.


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नहीं हुई बस स्टैंड की मरम्मत 
इसके चलते विद्यार्थियों की काफी परेशानी होती है, तो वहीं बस स्टैंड पर देखा गया कि यहां पर बस का इंतजार करने वाले यात्री टूटी हुई टीनशेड के नीचे भीषण गर्मी में बैठे रहते हैं, जिसकी अभी तक मरम्मत नहीं करवाई गई. 


साल 2016 से ग्रामीण कर रहे संघर्ष 
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि रोडवेज बस के चालक और परिचालक की मनमानी के चलते ग्रामीण व विद्यार्थी परेशान होते हैं. ज्यादातर चालक-परिचालक बस को सीधे ही बाइपास की ओर से निकाल ले जाते हैं. इस बारे में गांव में ही निवास करने वाले राजेश कुमार औदिच्य ने बताया कि यहां के ग्रामीण वर्ष 2016 से रोडवेज बसों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 


भारी सुविधाओं का अभाव
पूर्ववर्ती और वर्तमान दोनों ही सरकारों ने यहां से रोडवेज बसों के निकालने के आदेश दे रखे हैं, लेकिन ड्राइवर की मानमानी के चलते यहां से बसें ज्यादा नहीं आ रही है. बस समय पर नहीं आने के चलते यहां की छात्राएं सही समय पर कॉलेज नहीं जा पा रही हैं और यहां पर पार्किंग की भी कोई सुविधा नहीं है. तहसील हेड क्वार्टर होने के बाद भी यहां पर सुविधाओं का भारी अभाव है.