Rajsamand News: 21 साल बाद अपने गांव पहुंचा लालसिंह, भावुक हुए परिवारजन, देखने के लिए उमड़ी भीड़
राजसमंद जिले के कुंवारिया थाना क्षेत्र के लोडियाना ग्राम पंचायत के देवरिया गांव में लगभग 21 साल पहले घर से निकला एक युवक अपने गांव लौटा. इस पर परिवारजनों में खुशी का माहौल है.
Rajsamand: राजसमंद जिले के कुंवारिया थाना क्षेत्र के लोडियाना ग्राम पंचायत के देवरिया गांव में लगभग 21 साल पहले घर से निकला एक युवक अपने गांव लौटा. इस पर परिवारजनों में खुशी का माहौल है. 21 साल बाद घर लौटे लालसिंह की एक झलक देखने के लिए घर के बाहर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई.
बता दें कि कुंवारिया थाने के देवरिया निवासी लाल सिंह पुत्र मोहन सिंह उम्र 45 वर्ष जो गुजरात के बैचलाजी जिला मेहसाणा में बर्तन की दुकान पर कार्य करता था और वहां से सालों पूर्व निकल गया था, जिससे परिवारजन परेशान हो गए थे और परिजनों ने गुम हुए अपने बेटे का 3 साल तक पता लगाया लेकिन लाल सिंह का कहीं पर भी पता नहीं चला. ऐसे में परिजन थक हारकर बैठ गए और उसी युवक के आने से परिवार जनों में खुशियां छा गई.
जानकारी के अनुसार जिस समय लाल सिंह घर से निकल गए थे उस वक्त उनकी पत्नी 7 महीने की गर्भवती थी. जानें से पहले 10 दिन पूर्व वो अपनी पत्नी को अपने गांव देवरिया छोड़ कर गए थे और उनके गांव से जाने के बाद एक पुत्र ने जन्म दिया जिसका नाम देवेंद्र सिंह है. बता दें कि उनके पुत्र देवेंद्र सिंह की शादी हो चुकी है और मुंबई में आइसक्रीम का व्यवसाय करते हैं. ऐसे में बेटे को पिता के घर पहुंचने की सूचना मिली तो वह भी वहां से रवाना हो गए. पिता के गांव आने से बेटे की खुशी का ठिकाना नहीं है. पुत्र देवेंद्र के पाली जिले में ओम बन्ना का इष्ट है वह हर समय अपने पिता के घर लौट आने की मन्नत करता था.
दरअसल उस वक्त लालसिंह 10वीं में पढ़ाई करता थे और बाहर निकल गए थे ऐसे में आज सिख धर्म की वेशभूषा में महाकाल की पदवी के साथ संत वेश उनका सिख धर्म में आने पर उनका नाम अमृतनाम तेजासिंह पिता का नाम गुरु गोविंद सिंह और अपनी मां का नाम साहेब देवा रखा गया. वहां उनके दो और साथी लच्छासिंह सोढ़ी और जबर जंग सिंह सोढ़ी के साथ जोधपुर से ट्रेन द्वारा मारवाड़ होकर सरदारगढ़ तक ट्रेन पर पहुंचे, जहां पर वह अन्य साधन द्वारा अपने पैतृक गांव देवरिया पहुंचे. गांव में सबसे पहले भगवान लाल जाट मिले.
उन्हें देख लालसिंह ने पहचान लिया दोनों गले मिले और थोड़ा आगे चले तो रास्ते में उन का छोटा भाई पर्वत सिंह मिला, पर्वत सिंह को दाढ़ी मूछ और वेशभूषा में देखते हुए डर गया था और वह गांव की तरफ आ गया. फिर लाल सिंह ने अपने खेत पर देवी-देवताओं के दर्शन कर गांव लौटा ऐसे में गांव में लाल सिंह के लौटने की सूचना मिली तो कई लोग उनके घर पहुंचे. उनके घर पहुंचने पर परिवारजन भावुक हो उठे. ऐसे में मीडिया से वार्ता के दौरान लालसिंह उर्फ तेजा महाकाल ने बताया कि 21 साल बाद पुन: पुराने मित्र मिल गए बहुत खुशी हुई. राजसमंद से निकलने के बाद अहमदाबाद, उज्जैन और हरिद्वार में घुमता रहा और आज फिर राजसमंद की याद आई तो आ गया.
Reporter: Devendra Sharma
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