Free books sold in Rajsamand private school: राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित एक प्राइवेट स्कूल (Private School) में किताबों का बड़ा खेल सामने आया है. जिसके बाद इस प्राइवेट स्कूल के साथ साथ शिक्षा विभाग (Education Department) के आला अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए. इसके बाद तुरंत प्रभाव से जांच के आदेश दिए. आपको बता दें कि यह पूरा मामला राजसमंद (Rajsamand) जिले के देवगढ़ उपखंड क्षेत्र के दौलपुरा का है. जहां पर टैरेसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल (Teresa International Public School) संचालित होती है. इस स्कूल का खेल सामने आते ही स्कूल प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है.


प्राइवेट स्कूल में किताबों का बड़ा खेल


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बता दें कि टैरेसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल द्वारा सरकारी निशुल्क किताबों ( Govt. free books) को अपनी प्राइवेट स्कूल में पैसे में बेचा जा रहा है और बच्चों के अभिभावकों से रकम वसूली जा रही है. जानकारी के अनुसार इस स्कूल में मात्र दो कमरे में 8 कक्षाओं के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं मामला उजागर होते ही अभिभावक और स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते निजी विद्यालय संचालकों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.


पूरा मामला राजसमंद जिले के देवगढ़ उपखंड क्षेत्र के दौलपुरा का


बता दें कि दौलपुरा पीपी गांव में संचालित टैरसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में स्कूल के संचालक द्वारा कहीं से सेटिंग कर सरकारी विद्यालय की किताबें जमा करते हुए वहां पढ़ रहे छात्र छत्राओं को उपलब्ध करवाई गई और उसकी रकम भी वसूली गई. जिसकी जानकारी मिलने पर मीडिया ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए. इसकी जानकारी जब स्कूल में कार्यरत शिक्षिकाओं द्वारा संचालक को दी गई तो आनन-फानन में अगले ही दिन बच्चों से सभी सरकारी विद्यालय की बांटी हुई पुस्तकें वापस लेकर बच्चों को समझाया बुझाया. निजी विद्यालय में सरकारी किताबे बांटने का मामला जब देवगढ़ ब्लाक कार्यालय तक पहुंचा तो बीईईओ(BEEO) मुकुट बिहारी शर्मा ने जांच के लिए एबीईईओ(ABEEO) कानसिंह रावत और हरिसिंह रावत को मौके पर जांच के लिए भेजा.


पैसे में बेचा जा रहा सरकारी निशुल्क किताबों को


जब दोनों अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां एक बालिका की दोनों पुस्तकें जिस पर सरकारी स्कूल की निशुल्क वितरण की छाप लगी हुई थी एक किताब पर छाप को मारकर द्वारा हटाया गया और दूसरी पर छाप लगी हुई थी. इस प्रकार सरकारी विद्यालय से मिली तीन किताबें वहां पाई गई. मौके पर जांच अधिकारी कानसिंह रावत ने विद्यालय में पाई गई कुछ कमियों को भी उजागर किया.


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उन्होंने बताया कि विद्यालय में पंखे की कमी के साथ दो कमरों में 8 कक्षाएं संचालित हो रही थी और चार अध्यापक अध्यापिका मौजूद थे. विद्यालय में सफाई व्यवस्था कमजोर थी. 4/4 कक्षाओं का संचालन एक साथ किया जा रहा था जो कि नियमानुसार गलत था. उक्त विद्यालय एक निजी घर में चल रहा जहां पीने के पानी की उचित व्यवस्था भी नहीं थी और बच्चों के खेलने के लिए भी मैदान नहीं था.


वहां पढ़ा रहे अध्यापक अध्यापिका उसे कुछ जानकारी मांगी गई तो उन्होंने संचालक के पास सारा रिकॉर्ड होना बताया और मौके पर कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था. बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर में भी कमियां पाई गई जिसके चलते जांच अधिकारी उपस्थिति रजिस्टर भी अपने साथ लेकर विद्यालय से ब्लॉक शिक्षा कार्यालय ले गए.