Rajsamand: राजसमंद में शीतला सप्तमी पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.बता दें कि महिलाएं देर रात से लेकर अल सुबह तक शीतला माता मंदिर पहुंची और घर में बनाए गए व्यंजनों का शीतला माता के भोग लगाया.बता दें कि कांकरोली बाजार के चौपाटी में स्थित शीतला माता मंदिर में माता के लापसी, पूआ और पकड़ी का भोग लगाया.


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मान्यता के अनुसार आज के दिन ठंडा भोजन किया जाता है जिसे बासयोड़ा के नाम से लोग जानते हैं. बता दें कि बासयोड़ा की तैयारी के लिए महिलाएं लगभग 4 दिन पहले से ही रसोई में काम काज संभाल लेती है और व्यंजन बनाने की तैयारी में जुट जाती हैं. तो वहीं घर घर माता शीतला की महिलाओं द्वारा कथा सुनी जाती है।


माता शीतला का पर्व किसी न किसी रूप में देश के हर कोने में मनाया जाता है. विशेष कर चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला सप्तमी-अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. बता दें कि इस दिन घर में ताजा भोजन नहीं बनाया जाता. एक दिन पहले बनाया गया भोजन ही आज के ही दिन खाया जाता है. बताया जाता है कि नवरात्रि के प्रारंभ होने से पूर्व यह व्रत करने से मां के वरदहस्त अपने भक्तों पर रहते हैं तो वहीं सबसे खास यह है कि राजसमंद जिले में शीतला सप्तमी के दिन धुलंडी खेली जाती है. 


आज के दिन पूरे राजसमंद जिले में अवकाश सा माहौल रहा. सभी ने एक दूसरे के रंग गुलाल लगाकर लोगों को शुभकामनाएं दी. शहर के लोगों ने डीजे के धुन पर जमकर गुलाल अबीर लगाकर नाच गाने के साथ धुलंडी खेली. बता दें कि राजसमंद जिले में वर्षों शीतला सप्तमी के दिन ही धुलंडी खेलने की पम्परा चली आ रही है और यहां पर इसी दिन सभी लोग जमकर धुलंडी खेलते हैं. मान्यता के अनुसार यहां पर गैर नृत्य का भी आयोजन होता है. जहां पर एक ही जगह पर जिले भर के कलाकर आते हैं और गैर का आयोजन करते हैं.


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