Rajsamand news: राजस्थान के राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी और साइबर एक्सपर्ट त्रिवेदी के संयुक्त प्रयासों से साइबर जागरूकता संबंधी पोस्टर का विमोचन किया गया. साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए भारत व राज्य सरकार और गृह मंत्रालय द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 1930 आम जनता तक अभी भी नहीं पहुंचा था. इसी क्रम में राजसमंद पुलिस द्वारा साइबर जागरूकता के 10 प्रमुख बिंदुओं को सम्मिलित कर एक पोस्टर बनाया गया जो कि राजसमंद जिले के प्रत्येक स्कूल, कॉलेज, पर्यटक स्थल और थानों में लगाया जा रहा है. 


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जिससे साइबर अपराधों से बचने के लिए आमजन जागरूक होकर स्वयं की सुरक्षा कर पाएंगे. बता दें कि पोस्टर का विमोचन राजसमंद जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी व साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी के द्वारा किया गया. और आमजन से अपील भी की है कि इन बातों का ध्यान रखें. सबसे पहले आप अपना पासवर्ड बदल लें और अपने अकाउंट पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल कर लें. अब यह जान लीजिए कि सोशल साइट्स इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की जानकारी साइबर अपराधी के पास ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, फोटो के रूप में हो सकती है. 


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ऐसे में इसका इस्तेमाल करके यूजर पर फिशिंग अटैक करने की आशंका बढ़ जाती है. दरअसल यह वह जानकारी है जो किसी भी बंदे की पहचान का एक बड़ा जरिया है. इसके अलावा अजनबी के फोन पर पल भर भी भरोसा न करें. खासकर तब जब वह आपसे जुड़ी कोई जानकारी साझा कर रहा हो या पूछ रहा हो. प्राइवेसी सेटिंग को चेंज करें अपनी पोस्ट को ओन्ली फोर फ्रेंड कर दें और अपने रजिस्टर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को ओन्ली फॉर मी कर दें. साथ ही अपनी फ्रेंड लिस्ट को ओन्ली फॉर मी कर दें. 


एकाउंट का पासवर्ड हर महीने बदलें और एकाउंट में मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दोनों को एकाउंट से कनेक्ट रखें. बीते कुछ दिनों से कई सारे केस आ रहे हैं जिसमें फेसबुक और व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करके ब्लैक मेलिंग की जा रही है. आपके साथ में इस तरह का कुछ होता है तो सबसे पहले अपनी आईडी को डीएक्टिवेट करें, और जिस नंबर से वो ब्लैकमेल कर रहे हैं उसे ब्लॉक करें. उनके ब्लैकमेल करने से डरें नहीं और पैसे उन्हें नहीं भेजें. जल्द ही नज़दीकी पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट कराएं.