Rajasthan News: राजसमंद के पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों में ठंडाई को लेकर उत्साह बना रहता है. इसका कारण है इस ठंडाई में गुणवत्ता के साथ स्वाद है. इसे बनाने से पूर्व इसमें 11 प्रकार की विशेष औषधियां यानी सूखे मेवे जिन्हे हम ड्राई फुटस कहते हैं यह डाली जाती है जो इन्हें दूसरी ठंडाई से अलग करती है. 


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ग्यारह प्रकार के गुणवत्ता युक्त मसाले डालकर बनती है ठंडाई 
नाथद्वारा में उपलब्ध होने वाली ठंडाई में काजू, बादाम, पिस्ता, केसर, गुलकंद, खसखस के दाने तरबूज के बीज, काली मिर्च सहित ग्यारह प्रकार के गुणवत्ता युक्त मसाले डाले जाते हैं. इस ठंडाई में फाइबर युक्त मसाले डाले जाने से यह अपना मूल स्वाद कायम रखते है. इस भीषण गर्मी में शरीर का तापमान समानांतर बनाए रखने के लिए ठंडाई सबसे कारगर उपाय है. हालांकि, आजकल कोल्ड ड्रिंक और अन्य विदेशी पेय चलन में है, लेकिन शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले पारंपरिक पेय ही सबसे उपयोगी है. 


दाऊजी के मंदिर में गर्मी के दिनों में लगता है ठंडाई का भोग
बता दें कि पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी का मंदिर है जो श्री कृष्ण का स्वरूप है और श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता दाऊजी के मंदिर में गर्मी के दिनों में ठंडाई का विशेष भोग लगाया जाता है. मंदिर में आने वाले हजारों श्रद्धालु 80 फीसदी लोग नाथद्वारा की इस गुणवत्ता युक्त ठंडाई को पसंद करते हैं और इसे अपने साथ लेकर जाते हैं. करीब 5 दशकों से ठंडाई का व्यापार करने वाले कमलेश बताते हैं कि आज इतनी भीषण गर्मी में शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए ठंडाई उपयोगी है और बाहर से आने वाले प्रतिदिन इसका उपयोग शौक से करते हैं. 


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