Rajsamand: राजसमंद जिला मुख्यालय पर स्थित पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की तृतीय पीठ द्वारकाधीश मंदिर प्रबंधन चर्चा में है. मंदिर प्रबंधन निजी फर्म को कांट्रेक्ट दिया है.उसके पार्टनर और मंदिर के अधिकारियों के खिलाफ एक खदान मालिक ने पुलिस थाने में नामजद मामला दर्ज करवाया है। तो वहीं ठेकेदार फर्म शिकायत को झूठा बताते हुए पुलिस और कानून पर भरोसा जता रहे हैं. लेकिन इस पूरे प्रकरण में पुलिस और माइनिंग विभाग की भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.


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बता दें की देश के सबसे अच्छे मार्बल में शुमार राजसमंद जिले का निझरणा क्षेत्र इन दिनों विवादों और चर्चाओं में है. जिला मुख्यालय पर स्थित पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की तृतीय पीठ द्वारिकाधीश मंदिर प्रबंधन ने अपने निर्झरना खनन क्षेत्र में मार्बल डंपिंग का एक कांटेक्ट राधे मिनरल्स फर्म को दिया है.


मंदिर प्रबंधन का कहना है कि निझरणा बीड़ खनन क्षेत्र में मार्बल वेस्ट उठाने और खदानों के वेस्टेज की डंपिंग के लिए राधे मिनरल्स फर्म को कॉन्ट्रैक्ट दिया था। मंदिर के कार्यवाहक अधिकारी विनीत ने बताया कि करीब 1750 बीघा जमीन में.से 340 बीघा जमीन पर मार्बल का खनन किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग से इलाके में अवैध खनन और अवैध डंपिंग कर पूरी जमीन को बर्बाद कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया है.


मंदिर प्रबंधन की ओर से कुछ समय पहले दिए इस कांटेक्ट के खिलाफ क्षेत्र के खनन व्यवसाई ऋषिराज सिंह ने राजनगर थाने में शिकायत दी है. उन्होंने राधे मिनरल्स फर्म के भागीदारों पर डराने धमकाने और अवैध वसूली करने का आरोप लगाते हुए राजनगर थाने में 8 नामजद और अन्य के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया है.


मार्बल व्यवसाई की शिकायत पर कॉन्टैक्ट फर्म राधे मिनरल्स ने कानून व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा कि जांच में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. फर्म के हेमंत पालीवाल ने बताया कि ऋषि राज सिंह आदतन शिकायतकर्ता है, जो लोगों को परेशान और उनकी माइंसों पर कब्जा करने के लिए शिकायत कर उन्हें परेशान करते हैं. पालीवाल ने कहा कि क्षेत्र में करीब 70 माइंस चल रही है लेकिन अवैध खनन रोकने से एक ही व्यक्ति को परेशानी हो रही है.


पूरे विवाद में पुलिस और खनन विभाग पर जांच का जिम्मा है. इस विवाद को लेकर खान विभाग के खनिज अभियंता द्वितीय महेश शर्मा का कहना कहना है कि मंदिर मंडल ने क्या कांटेक्ट दिया है, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, हालांकि वह नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की बात जरूर कहते नजर आए.


बता दें कि पुलिस में मामला दर्ज होने और खनन क्षेत्र से जुड़ा विवाद होने के बावजूद भी पुलिस और खान विभाग का धीमी गति से कार्रवाई करना पर सवाल खड़े हो रहे है.


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