राजसमंद: विश्व प्रसिद्ध राजसमन्द झील की नौचोकी पाल के पहाड़ी पर वनखण्ड सेवाली एवं गढ़वाला के मध्य में स्थित रूठी रानी महल के जीर्णोद्धार के लिए वर्ष 2018-19 में डीएमएफटी मद से पर्यावरण चेतना केन्द्र रुठी रानी महल राजसमन्द का जीर्णोद्धार कर पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया गया है. इस संदर्भ में उपवन संरक्षक, एएन गुप्ता ने बताया कि पुराने खण्डहरनुमा भवन का नवीनीकरण कार्य पर्यावरण को रूबरू करवाते हुए मॉडल्स एवं प्रकृति व वन्यजीवों के 3डी मॉडल पर्यटकों के लिए लगाए गए हैं.


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भवन के अन्दर रंगीन चित्रकारी एवं बॉर्डर पेन्टिंग कार्य करवाया गया है. इसके साथ ही राणा राजसिंह द्वारा निर्मित महल के पास के परकोटे का जीर्णोद्धार कर कंगूरे का निर्माण किया गया है. सत्रहवी शताब्दी में निर्मित महल में स्थित अन्नपूर्णा माताजी मन्दिर को जाने वाले दोनों दरवाजे विजय द्वार एवं गणेश द्वार का जीर्णोद्धार कार्य भी करवाया गया हैं. रुठी रानी महल की छत से राजसमन्द झील एवं शहर का विहन्गम दृश्य पर्यटकों को लुभाने वाला है. इस स्थान को एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से जिप लाइन का निर्माण कराया गया है, जिसे जल्द ही आमजन के लिए शुरू किया जायेगा.


महल के आसपास पौधरोपण का भी आयोजन


पर्यटकों की सुविधा के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे कि वॉशरूम, कैफेटेरिया, बैठने के लिए बेंचेज, साईनेजेज इत्यादि भी विकसित की गई है. बता दें कि रूठी रानी महल के आसपास सघन वृक्षारोपण किया गया है. रूठी रानी महल एवं अन्नपूर्णा माताजी मन्दिर विकसित होने के बाद पर्यटकों के लिए एक आर्कषण केन्द्र के रूप में सिद्ध होगा. एनएच 8 पर स्थित होने के कारण देशी विदेशी पर्यटक यहां आसानी से पहुंच सकते हैं और इस ऐतिहासिक धरोहर के साथ-साथ वन एवं वन्यजीवों का भी आनंद ले सकते हैं.