Nathdwara: नाथद्वारा के सरकारी स्कूल में करीब 1 माह से भरा पानी, कोई नहीं दे रहा ध्यान
Rajsamand: बहुत कठिन है डगर पढ़ने की क्योंकि एक स्कूल के अंदर पढ़ने जाने से पहले नौनिहालों को पानी में से होकर गुजारना पड़ता है. यह नौनिहाल काफी समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं.
Rajsamand: बहुत कठिन है डगर पढ़ने की क्योंकि एक स्कूल के अंदर पढ़ने जाने से पहले नौनिहालों को पानी में से होकर गुजारना पड़ता है. यह नौनिहाल काफी समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं.
वहीं स्कूल स्टाफ का कहना है कि लगभग 10 सालों से यह समस्या बनी हुई है. दरअसल यह पूरा मामला राजसमंद जिले के नाथद्वारा में स्थित कुंचोली नया खेड़ा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का है. इस विद्यालय के ग्राउंड में लगभग 1 महीने से पानी भरा हुआ है, जिसको लेकर स्कूल स्टाफ ने प्रशासन को कई बार अवगत करवाया, लेकिन इस समस्या पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है.
छोटे-छोटे बच्चे स्कूल के अंदर जाने के लिए पानी में से होकर गुजर रहे है. वहीं पत्थरों द्वारा पगडंडी बनाकर अंदर जाने का प्रयास कर रहे है. इस बीच कुछ नौनिहालों का पैर फिसलने पर ग्राउंड के अंदर भरे पानी के अंदर गिर भी जाते है. मौजूदा हालत में विद्यालय की स्थिति सही नहीं है, वहीं विद्यालय के मेन गेट पर बनी दीवार भी जर्जर स्थिति में है.
जब इस समस्या के बारे में स्कूल के स्टाफ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लगभग 8 से 10 साल से यह समस्या बनी हुई है. बारिश के समय में तलाई का पानी स्कूल के ग्राउंड में भर जाता है, जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत भी करा चुके है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ग्राउंड में पानी भरने के बाद बच्चे स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं कर पाते हैं तो उन्हें कई बार स्कूल के बाहर बैठाकर पढ़ाई करवानी पड़ती है.
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स्कूल स्टाफ ने बच्चों की पीड़ा देखते हुए कहा कि सरकार और जनप्रतिनिधियों से मांग करते है कि जल्द से जल्द इसी सत्र में इस समस्या का समाधान करवाया जाए और बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से हो सके लेकिम अभी की स्थिति ऐसी बनी हुई है कि बच्चों को अभी बाहर बैठा कर ही ज्यादातर पढ़ाई करवानी पड़ रही है और जब भी जनप्रतिनिधि और उच्चाधिकारियों को इस मामले से अवगत करवाया जाता है तो हर बार आश्वासन ही मिल रहा है, ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षा को लेकर किए जा रहे वादे केवल वादों तक ही सीमित दिखाई दे रहे है.
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