पश्चिमी राजस्थान से पूर्वी राजस्थान पहुंचा लंपी स्किन संक्रमण, अलर्ट मोड में सरकार, वैक्सीनेशन पर जोर- कटारिया
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पश्चिमी राजस्थान से पूर्वी राजस्थान पहुंचा लंपी स्किन संक्रमण, अलर्ट मोड में सरकार, वैक्सीनेशन पर जोर- कटारिया

पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 6 लाख 87 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है

पश्चिमी राजस्थान से पूर्वी राजस्थान पहुंचा लंपी स्किन संक्रमण, अलर्ट मोड में सरकार, वैक्सीनेशन पर जोर- कटारिया

Lumpy Skin Infection : राजस्थान सरकार में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने पंत कृषि भवन में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों समेत सभी संभाग एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बैठक कर लंपी स्किन डिजीज की स्थिति और रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की. 

पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने राज्य में लम्पी स्किन डिजीज को फैलने से रोकने के लिए संक्रमण से अप्रभावित इलाकों में तेजी से टीकाकरण करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही बताया है कि प्रदेश में अभी तक 6 लाख 87 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण और मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है और जैसलमेर जिले में पिछले एक सप्ताह से लम्पी रोग से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं मिली है. 

जयपुर में लंपी स्किन संक्रमित गायों के लिए मोर्चरी बन रहा पुरानी गोशाला का क्वारेंटाइन सेंटर

पशुपालन मंत्री कटारिया ने कहा कि प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक अजमेर जिले में 53209, कुचामन सिटी में 37697, भरतपुर में 56410, चित्तौड़गढ़ में 43476, अलवर में 73535, जयपुर में 29957, बांसवाड़ा में 53000, कोटा में 40232, बूंदी में 34979, बारां में 75571, झालावाड़ में 34118, प्रतापगढ़ में 44866, उदयपुर में 33255 सहित 27 जिलों में 6 लाख 87 हजार 375 पशुओं में टीकाकरण किया गया है.

उन्होंने बताया कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध है और डेयरी फेडरेशन के माध्यम से 25 लाख टीके और खरीदने की कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने संक्रमण समेत क्षेत्र को चिन्हित कर टीकाकरण के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और तेजी से टीकाकरण करने के निर्देश दिए.

दवाइयों की खरीद के लिए किए आवश्यक वित्तीय प्रावधान 
कटारिया ने कहा कि रोगी पशुओं के उपचार के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जिलों में स्थानीय स्तर पर दवाइयों की खरीद के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा कॉन्फेड के माध्यम से जिलों की मांग अनुरूप औषधियों की आपूर्ति भी की जा रही है. उन्होंने प्राप्त औषधियों को जिला औषधि भंडार में अनावश्यक नहीं रखकर तुरंत संस्थाओं को भिजवाने के निर्देश दिए.

जैसलमेर में एक सप्ताह से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं 
पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में इस बीमारी की शुरूआत पश्चिमी क्षेत्र से हुई थी, जो अब पूर्वी भाग तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में अब लम्पी रोग के केस कम हो गये हैं. जोधपुर और बीकानेर संभाग में रिकवरी रेट अच्छी है और संक्रमण एवं मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है. जैसलमेर जिले में पिछले एक सप्ताह से लम्पी रोग से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं मिली है.

आयुर्वेदिक औषधियों के मिले प्रभावी परिणाम
कटारिया ने बताया कि लंपी रोग के बचाव एवं रोकथाम के लिए आयुष विभाग की सुझायी गई आयुर्वेदिक औषधियां काफी कारगर साबित हो रही है, उन्होंने इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि जालौर जिले में भामाशाहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवायी गई. औषधियों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.

गौशालाओं का पुनः निरीक्षण करने के निर्देश 
पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों को सभी गौशालाओं का पुनः निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा, कि प्रदेश में मानसून का दौर फिर से सक्रिय होने की संभावना के दृष्टिगत गौशालाओं में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, ताकि संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके.

उन्होंने जन प्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहकर लंपी रोग के रोकथाम के प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए. कटारिया ने इस संक्रमण काल के दौरान गौवंश को इस बीमारी से बचाने के लिए आगे आए भामाशाहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं और जन प्रतिनिधिगण से मिले सहयोग की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया. बैठक में पशुपालन विभाग की शासन उप सचिव कश्मी कौर, निदेशालय में पदस्थापित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सभी संभाग और जिला स्तरीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस से शाामिल हुए.

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