Sawai Madhopur: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज जिला मुख्यालय के आदर्श उच्च माध्यमिक विद्या मंदिर में साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया.  


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इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्वेता गुप्ता ने शिविर में मौजूद छात्र-छात्राओं और आमजन को बताया कि साइबर अपराध एक आपराधिक कृत्य है, जो इंटरनेट  के माध्यम से कंप्यूटर के उपकरण या किसी अन्य स्मार्ट उपकरणों के रूप में इस्तेमाल करते हुए इस काम को अंजाम दिया जाता है. हैकर और अपराधियों के पास इस अपराध को करने के विभिन्न उद्देश्य होते हैं. वे किसी व्यक्ति, किसी संगठन सरकार को भी नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर सकते हैं. 


साइबर अपराध के कई उदाहरणों में धोखधंडी, पहचान की चोरी, साइबर स्टॉकिंग, सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलेवर वनाना या भेजना या फिर पैसे कमाने के लिए डेटा चोरी करना आदि शामिल हैं. ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग उन्हें पैसे कमाने का एक आसान तरीका मानते हैं.  


यहां तक की बहुत से पढ़े-लिखे और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति भी इस तरह की गतिविधियों मे शामिल होते हैं. अपने दिमाग को सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय वे साइबर अपराधिक गतिविधियों में खुद को नियुक्त करते हैं. दिन-प्रतिदिन यह हमारे समाज और राष्ट्र के लिए एक बडा खतरा बनते जा रहा हैं. 


साथ ही, उन्होंने बताया कि साइबर अपराध वर्तमान परिदृश्य में इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला सबसे प्रचलित अपराध बन चुका है. यह पीड़ित को गंभीर नुकसान पहुंचाता है इसलिए इस तरह के अपराधों से बचने के लिए हमें उपाय करने चाहिए. सतर्कतापूर्ण व्यवहार और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन केवल एक सहायक उपकरण की तरह है, जो साइबर अपराध की घटनाओं पर कुछ हद तक काबू पा सकें. 


Reporter- Arvind Singh 


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