IAS-IPS Village of Rajasthan : राजस्थान का एक गांव जिसमें 150 से भी ज्यादा आईएएस, आईपीएस, RAS. जैसे अफसर दिए हैं. इनमें से दो अफसर बड़े आईएएस अधिकारी भी रहे, और राजस्थान के पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी भी बने और बाद में विधायक, सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे.


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दरअसल पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के गांव बामनवास को आईएएस, आईपीएस अधिकारियों का गांव कहा जाता है. यहां से अब तक 150 से भी ज्यादा प्रशासनिक अधिकारी बने हैं. इनमें से एक परिवार तो ऐसा है जिसमें दो भाई पुलिस महानिदेशक बने, एक भाई राज्य का मुख्य सचिव भी बना, इसी परिवार का एक भाई कस्टम अधिकारी के रूप में मुंबई में भी तैनात है. यह परिवार बामनवास के श्रीराम मीणा का परिवार है, जिनके पांचों बेटों में सबसे बड़ा बेटा नमो नारायण मीणा आईपीएस अधिकारी बने, फिर बाद में पुलिस महानिदेशक और रिटायर होकर कांग्रेस के टिकट से सवाई माधोपुर से सांसद भी बने. साथ ही नमो नारायण मीणा केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी रहे.


दो DGP, दो विधायक और बड़े अधिकारी देने वाला परिवार


नमो नारायण मीणा के छोटे भाई हरीश मीणा भी आईपीएस अधिकारी बने बाद में उन्हें भी पुलिस महानिदेशक का जिम्मा सौंपा गया. इसके बाद हरीश मीणा ने पहले भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और अपने ही बड़े भाई नमो नारायण मीणा को चुनाव हराया. इसके बाद हरीश मीणा ने कांग्रेस के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और देवली उनियारा से मौजूदा विधायक हैं. वहीं परिवार के एक और भाई ओपी मीणा राज्य सरकार में मुख्य सचिव बने, जबकि इसी परिवार के एक दूसरे भाई धर्म सिंह मीणा कस्टम अधिकारी के पद पर मुंबई में कार्यरत हैं. इसी परिवार का एक और सदस्य भवानी मीणा भी केंद्र में सचिव के तौर पर तैनात रहे.


सवाई माधोपुर के बामनवास गांव से ही आने वाले आईएएस अधिकारी कुंजी लाल मीणा भी राजस्थान सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं. सवाई माधोपुर के इस गांव के 50 परिवारों ने अब तक 150 से भी ज्यादा प्रशासनिक अधिकारी दिए हैं, जो कि आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और इसके अलावा रेलवे समेत कई अन्य विभागों में भी कार्यरत है. इस गांव के लोग बड़े ही गर्व से कहते हैं कि हमारा गांव देश में सबसे अधिक प्रशासनिक अधिकारी देने वाला गांव है.


कैसे यह गांव बना अधिकारियों का गांव


बामनवास को देशभर में अब प्रशासनिक अधिकारियों का गांव कहा जाता है लेकिन बामनवास प्रशासनिक अधिकारियों को गांव कैसे बना इसका इसकी जब वजह तलाशी गई तो सामने आया कि इस गांव के लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने की एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा रखते हैं इस गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यहां के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी जमीन ए तक गिरवी रख देते हैं और अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवा ते हैं जिसका नतीजा है कि आज इस गांव के बच्चे देशभर में उच्च पदों पर आसीन हैं.


 


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