Rajasthan News: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखंड क्षेत्र में राजस्थान सरकार द्वारा 14 जून को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं का आरक्षण 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की पंचायती राज को मंजूरी दिए जाने के बाद बेरोजगार युवाओं में राज्य सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है. महिला आरक्षण के विरोध में पहले बेरोजगारों द्वारा ज्ञापन, रैली की जा रही थी, पर अब बेरोजगार युवाओं द्वारा मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने के लिए खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कार्यालय जयपुर भिजवाए जा रहे है. 


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बीएसटीसी डिग्री धारी युवाओं की बढ़ी मुश्किलें
खंडार उपखंड क्षेत्र के दो बीएसटीसी डिग्रीधारी युवाओं ने पहल करते हुए खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को भेजा. युवाओं का कहना है कि बेरोजगार युवाओं का हक छीन लिया गया. बेरोजगार युवाओं के पास मुश्किल से 15 फीसदी सीट बचती नजर आ रही है, जिसके कारण बेरोजगार युवाओं का भविष्य अंधेरे में है. वहीं, घोषणा के बाद से ही अलग-अलग जगहों पर महिला आरक्षण के विरोध में बेरोजगार युवा ज्ञापन देकर और धरना प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं. उपखण्ड स्तर, जिला मुख्यालय पर युवाओं द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का सिलसिला भी लगातार जारी है. 


युवाओं ने सरकार को दी चेतावनी
वहीं, इस आरक्षण से बीएसटीसी युवाओं का तो बिल्कुल रोजगार ही छिन गया है. उनका इस आरक्षण से करियर ही खत्म हो जाएगा, क्योंकि बीएसटीसी वाला युवा केवल थर्ड ग्रेड में ही आवेदन कर सकता है. महिला सशक्तिकरण आरक्षण का विरोध करने के लिए खंडार उपखंड के अल्लापुर के दिनेश कर्ण व बहरावंडा खुर्द के कृष्णावतार जांगिड़ ने खून से सीएम को पत्र लिखा और पत्र में सीएम से महिला सशक्तिकरण 50 फीसदी आरक्षण को वापस लेने की गुजारिश की. युवाओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि भजनलाल सरकार ने 30 जून तक निर्णय वापस नहीं लिया, तो युवा खून की नदी बहाने को तैयार हैं. 40 लाख युवाओं के द्वारा पूरे राजस्थान को जाम कर दिया जाएगा. 


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