Sawai Madhopur News: मोरेल बांध से आई खुशखबरी, 5 साल बाद छलका क्षेत्र का सबसे बड़ा डैम
Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर और दौसा जिले की सीमा पर मिट्टी से बना क्षेत्र का सबसे बड़ा मोरेल बांध 5 साल के बाद अपनी साढ़े 30 फीट पानी की कुल भराव के बाद छलक गया.
Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर और दौसा जिले की सीमा पर मिट्टी से बना क्षेत्र का सबसे बड़ा मोरेल बांध 5 साल के इंतजार के बाद अपनी साढ़े 30 फीट पानी की कुल भराव क्षमता पूरी कर आज छलक गया.
मोरेल बांध के छलकने के बाद दौसा जिला प्रशासन व सवाई माधोपुर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया. मोरेल बांध के भरने के बाद मलारना डूंगर एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई ने जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीणा के साथ बांध के वेस्टवेयर एरिये का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए. बांध के नीचे बसे मलारना डूंगर तहसील के दर्जनों गांवों के लोगों को मुस्तैद रहने के साथ-साथ संबंधित गांवों के गिरदावर पटवारियों को निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया.
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जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीणा ने बताया कि बांध के ऊपर मोरेल नदी और ढूंढ नदी में तेजी से पानी की आवक के चलते 5 साल के बाद आज फिर मोरेल बांध छलक गया. सहायक अभियंता ने बताया कि बांध के ओवरफ्लो होने से वेस्ट वेयर के जरिए मोरेल नदी में पानी निकासी की जा रही है.
उधर बांध के भरने के बाद पानी देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है लेकिन बांध पर सुरक्षा व्यवस्था के मध्य नजर पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया. बांध के रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जल संसाधन विभाग के द्वारा सभी स्थितियों से निपटने के लिए कट्टों में मिट्टी भरवाई गई है. वहीं, जेसीबी ट्रैक्टर इत्यादि को खड़ा करवाया गया है वहीं 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
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मोरेल बांध के पानी से दौसा जिले के अलावा सवाई माधोपुर जिले के बौंली और मलारना डूंगर तहसील के 55 गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है. इन गांवों की कुल 12 हजार 388 हेक्टर भूमि पर बांध की मुख्य नगर से सिंचाई होती है. मुख्य नहर की लंबाई कुल 28 किलोमीटर के लगभग है. ऐसे में इस साल बांध के भरने से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा.