Sawai madhopur News: सवाई माधोपुर में कहने को तो राजस्थान सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है,लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सरकार की शिक्षा विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के बावजूद आज भी प्रदेश में कई विद्यालय ऐसे है जिनमें आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तक नही है.


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ऐसा ही एक स्कूल है सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 54 का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कुतलपूरा जाटान. कहने को तो सरकार ने साल 2022 में विद्यालय को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत कर दिया.लेकिन ना तो विद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर डवलप किया गया और ना ही विद्यार्थियों के लिए अन्य कोई मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई गईं.


1963 में बना था ये भवन


विद्यालय में 350 का नामांकन होने के बावजूद विद्यालय जर जर हालत में हैं, बच्चों को 1963 में बने जरजर कक्षा-कक्षों में बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है.विद्यालय के अधिकांश कक्षा कक्षों की छत व दीवार छतिग्रस्त हो चुकी ,छत की पट्टियां टूटने से अधिकांश कक्षा कक्ष बारिश में टपकते है. विद्यालय में ना तो कम्प्यूटर लेब संचालित हो पा रही है और ना ही विद्यालय के पास खेल मैदान है. इतना ही नही विद्यालय के पास बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त कक्षा कक्ष भी नहीं है.


बच्चों की जन जोखिम में 


 ऐसे में मजबूरन शिक्षकों को कई क्लास के बच्चों को खुले में बिठाकर पढ़ना पड़ता है, ऐसे में जब बारिश होती है तो बच्चो की क्लास नहीं लग पाती. वहीं, बारिश के दौरान जरजर भवन के कारण बच्चों की जन जोखिम में बनी रहती है. सरकार ने विद्यालय की क्रमोन्नत तो कर दिया, लेकिन आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना भूल गई.ऐसे में विद्यालय को क्रमोन्नत करने का कोई खास लाभ नहीं हुआ.


 विद्यालय को 2022 में क्रमोन्नत किया


विद्यालय की प्रधानाचार्य चंचल गुप्ता का कहना है कि विद्यालय को 2022 में क्रमोन्नत किया गया है,लेकिन विद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही कमजोर है ,1963 के कमरे बने हुए हैं ,उनकी पट्टियां टूटी हुई हैं, छत टूटी हुई है,कमरों में ना तो पंखे लग सकते हैं और ना ही लाइट फिटिंग हो सकती है.विद्यालय में स्पेश कम होने और 350 का नामांकन होने से चार से पांच क्लास बाहर बैठानी पड़ रही है.


स्कूल के विकास के लिए कोई बजट नहीं मिला


लेब में छत से पानी आता है जिससे लेब संचालित नही हो पा रही है.पानी आने से कम्प्यूटर खराब हो जाते हैं,विद्यालय में खेल मैदान होना आवश्यक है और यहां खेल मैदान नहीं होने से बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पाता. अगर विद्यालय के लिए खेल मैदान आवंटित हो तो इस विद्यालय को सीनियर करने का उद्देश्य पूरा हो सकता है.उनका कहना है कि वैसे तो समय-समय विद्यालय के विकास के लिए प्रस्ताव मांगे जाते हैं, और अभी तक उन्हें विद्यालय विकास के लिए कोई बजट नहीं मिला है. 


विद्यालय की स्थापना 1963 में प्राथमिक विद्यालय के रूप में हुई थी ,उसके बाद 2007 में इसे उच्च प्राथमिक और 2013 में माध्यमिक और अब 2022 में उच्च मध्यमिक में क्रमोन्नत कर दिया गया. लेकिन विद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर आज भी 1963 का ही है.


जान पर हमेशा खतरा बना रहता है


विद्यालय का पूरा भवन जर जर हो चुका है.ऐसे में बच्चो की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है ,विशेष कर बारिश के समय शिक्षकों एंव बच्चो को हमेशा डर के साए में रहना पड़ता है.बड़ी बात ये है कि जब सरकार विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर डवलप नही कर पाती तो उन्हें बिना आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के क्यो क्रमोन्नत कर झूठी वाह वाही लूटना चाहती है.


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