Sambhal Riot 1978 Investigation: संभल में साल 1978 में दंगा हुआ था. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. जबकि हजारों लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है. इस मामले को लेकर सीएम योगी ने जांच के आदेश दिए हैं.
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Sambhal Riot 1978 Investigation: उत्तर प्रदेश के संभल में मौजूद शाही जामा मस्जिद विवाद के बाद से संभल चर्चा में है. यहां मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस और मकामी लोगों के बीच हिंसक झड़पे हुई, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में करीब 40 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. सर्वे के दौरान हिंसा कैसे हुई, किसकी गलती से हिंसा हुई? पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. फिलहाल पुलिस खाली हाथ है. इस बार फिर ऐसी खबरें सामने आई है, जिसकी वजह से संभल एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने संभल में 1978 में हुए दंगों की जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक (एसपी) को दी गई है. इस जांच में अब तेजी आई है. शासन की तरफ से गृह पुलिस के उप सचिव ने चिट्ठी भेजकर एसपी को इस मामले की जांच के लिए एएसपी नामित करने का निर्देश दिया है. एएसपी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले एसपी ने जिलाधिकारी (डीएम) को पत्र लिखकर प्रशासनिक अधिकारी नामित कर संयुक्त जांच करने को कहा था, ताकि शासन को रिपोर्ट भेजी जा सके.
गड़े मुर्दे उखाड़ना चाहती है बीजेपी
सीएम योगी के इस आदेश के बाद राजनीतिक विश्लेषक शम्स अजीज का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ चुनावी फायदे के लिए इस जांच का आदेश दिया है. यह आदेश हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश है. लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को अहसास हो गया है कि अगर वह कट्टर हिंदुत्व की राह पर नहीं चली, तो बिहार, यूपी और कई हिंदू बहुल राज्यों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, इसलिए बीजेपी गड़े मुर्दे उखाड़ना चाहती है.
संभल हिंसा के बाद विवादों का जन्म
गौरतलब है कि यह दंगे 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए हिंसा के बाद सामने आए. कुछ ही दिन बाद संभल में प्राचीन कार्तिक महादेव मंदिर का दोबारा उद्घाटन हुआ. इस मौके पर पलायन कर चुके लोगों ने बताया कि 1978 में हुए दंगों की वजह ही वे अपने घर छोड़कर चले गए थे. उस समय संभल में कई हिंदुओं का कत्ल हुआ था और कई जगह आगजनी भी हुई थी. अब इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और शासन को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भेजी जाएगी.
184 लोगों का हुआ था कत्ल
स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि दस्तावेजों में दर्ज आंकड़ों से कहीं ज्यादा लोग इस दंगे में मारे गए थे. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1978 के दंगे के संबंध में बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि इस दंगे में 184 लोग मारे गए थे और कई परिवारों को पलायन करना पड़ा था. पुलिस और प्रशासन अब दंगे में हुई मौतों का असली आंकड़ा पता लगाएगा.
योगी ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम इस दंगे की जांच कराएंगे और पता लगाएंगे कि आखिर इसमें कितने लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. वहीं, मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद इस संभल दंगे को लेकर चौतरफा चर्चा हो रही है. लोग इसे लेकर कई तरह की बातें कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक, 1978 में संभल में कई दिनों तक दंगा होता रहा. हालात इस कदर गंभीर हो गए थे कि कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था. इस दंगे को लेकर 169 केस दर्ज किए गए थे.