सवाई माधोपुर: भीषण गर्मी के चलते रणथंभौर नेशनल पार्क में धीरे-धीरे पानी की किल्लत शुरू हो गई है. वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. रणथंभौर नेशनल पार्क के भीतरी क्षेत्र में कई बड़े जलस्रोत मौजूद हैं जिस में भी पानी अब धीरे धीरे सूखता जा रहा है, जबकि छोटे पोखर एवं तालाब सूख चुके हैं. पानी की किल्लत होने से वन्यजीव बाहर की ओर रुख करने लगे हैं. कई बार पैंथर भालू आधी आबादी क्षेत्र में भी भटक रहे हैं


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पिछले सप्ताह पानी की तलाश में भटकता हुआ एक भालू जिला मुख्यालय के पुराने शहर स्थित आबादी क्षेत्र में पहुंच गया सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद बालों को रेस्क्यू करके जंगल में छोड़ा गया यह पहला मामला नहीं है जब वन्यजीव आबादी की ओर रुख कर रहे हैं जैसे-जैसे जंगल के भीतरी क्षेत्र में पानी की कमी होती है. वैसे ही प्यास बुझाने के लिए वन्यजीव जंगल से बाहर की ओर रुख करने लगते हैं. हालांकि, पिछले साल अच्छी बरसात के चलते रणथंभौर में पानी की पूर्ति हो चुकी थी सभी का लाभ एवं पोखर लगभग भर गए थे, लेकिन भीषण गर्मी के चलते धीरे-धीरे अब छोटे तालाब और पोखर सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं जिसके चलते वन्यजीव जंगल से बाहर की ओर रुख कर रहे हैं.


रणथंबोर नेशनल पाक के भीतर इन दिनों बाघों की भी शानदार सेटिंग से पर्यटकों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है गाइड चालक के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों में भी खासा उत्साह है रणथंबोर नेशनल पार्क में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटकों का आना अनवरत जारी रहता है, कोरोना काल के चलते लंबे अरसे से पर्यटकों की संख्या में भारी कमी हुई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो चुकी हैं और पर्यटकों का लगातार रणथंबोर आना जारी है. भीषण गर्मी के चलते बाघ एवं बाघिन अपनी प्यास बुझाने और तरोताजा रहने के लिए पानी का सहारा ले रहे हैं. रणथंबोर के भीतरी जोन में इन दिनों बाद एवं बाघिन पानी के आसपास ही नजर आ रहे हैं. अधिकांश राइटिंग पोखर एवं तालाबों के किनारे पर हो रही है कई बार बाघ एवं अन्य वन्य जीव पानी में अठखेलियां करते हुए देखे जा रहे हैं जिससे पर्यटकों में खासा उत्साह बना हुआ है.


Reporter- Arvind Singh