Bamanwas: नगर पालिका मुख्यालय पर आज मनरेगा श्रमिकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. दर्जनों की तादाद में महिला श्रमिकों ने पंचायत समिति के मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया और पंचायत समिति के बाहर धरना प्रदर्शन किया. पंचायत समिति प्रधान कृष्ण पोसवाल भी धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के साथ धरने पर बैठ गए.


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इस दौरान बौंली लालसोट रोड पर सड़क के दोनों ओर जाम लग गया. प्रदर्शनकारियों ने बौंली पंचायत समिति के विकास अधिकारी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बांस-टोरडा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 13 दिनों से जारी मस्टरोल को विकास अधिकारी द्वारा दुर्भावना पूर्वक वापस लिया गया था, जिससे श्रमिकों में खासा आक्रोश था. मामले को लेकर श्रमिकों ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पंचायत समिति कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया.


प्रधान कृष्ण पोसवाल ने बताया कि राजनैतिक दबाव के कारण विकास अधिकारी द्वारा गरीब श्रमिकों का रोजगार छीना गया जो सरासर गलत है. प्रधान ने श्रमिकों के साथ खडे रहने और उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए श्रमिकों को उनका हक देने की मांग की. संवेदनशीलता के चलते एसएचो श्रीकिशन मीणा भी मय जाब्ते मौके पर पहुंचे और आक्रोशित भीड़ से समझाइश की कोशिश की. 


प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रशासन को मौके पर बुलवाने की मांग पर एसडीएम बद्रीनारायण मीणा तहसीलदार, बृजेश मीणा और विकास अधिकारी योगेश मीणा मौके पर पहुंचे और श्रमिकों से समझाइश की. एसडीएम बद्रीनारायण मीणा की मौजूदगी में बांस टोरडा में जारी की गई मस्टरोल को दोबारा चालू करने और एक नई मस्टरोल जारी करने का आश्वासन दिया गया.


गौरतलब है कि मस्टररोल में 100 से अधिक नरेगा श्रमिक कार्यरत थे. ऐसे में श्रमिकों ने विकास अधिकारी पर दुर्भावना पूर्वक मस्टरोल वापस लेने का भी आरोप लगाया. आधे घंटे तक चली समझाइश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर जाम हटा कर धरना प्रदर्शन समाप्त किया गया. इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष रामअवतार मीणा सहित कई पंचायत समिति सदस्य और ग्रामीण मौजूद थे.


Reporter: Arvind Singh