Khatushyam Temple closed Before Holi 2024: सीकर में स्थित खाटूश्याम का मंदिर भारत के कृष्ण मंदिरों में से एक है.  हाल ही में यहां सात दिन चलने वाले लक्खी मेला का समापन 22 मार्च को हुआ है. जिसमें  तकरीबन 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम के दर्शन किए. 


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वहीं मेला खत्म होने के बाद होली करीब आने पर खाटू श्याम मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं.  दर्शनों के लिए कपाट बंद होने से पहले खाटूश्याम मंदिर में मेला लगता था, जो फाल्गुन द्वादशी तक चलता है. इसे ही लक्खी मेला कहा जाता है.  मंदिर को बंद करने से पहले श्री श्याम मंदिर कमेटी ने एक सूचना पत्र जारी कर इसकी सूचना दी है. बाबा श्याम के मन्दिर में इस दिन विशेष पूजा और तिलक के चलते मंदिर के द्वार बंद रहेंगे.


मिली जानकारी के अनुसार,  25 मार्च के दिन होली है जिसके कारण श्री श्याम प्रभु की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी.  इसके साथ ही 26 मार्च को बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार होगा. इसलिए 24 मार्च रात 10 बजे से 27 मार्च 5:30 बजे तक बाबा श्याम के गर्भ गृह के कपाट बंद रहेंगे. बाबा श्याम के मंदिर के कपाट 27 मार्च को 5:30 बजे मंगला आरती के समय खोले जाएंगे. मंदिर कमेटी ने पत्र जारी कर सभी श्याम श्रद्धालुओं से मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्याम दर्शन के लिए आने का अनुरोध किया है.


बर्बरीक या खाटू श्याम कौन हैं


बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से है. ये पांडुपुत्र भीम के पोते थे.  ऐसा कहा जाता है कि खाटू श्याम की शक्तियों और क्षमता से खुश होकर श्री कृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजने का वरदान दे डाला था. ये भीम और हिडिम्बा के पुत्र थे. 


खाटू श्याम जी का धड़ कहां है?
बता दें कि बाबा खाटू श्याम के धड़ की पूजा हरियाणा के हिसार जिले के एक गांव बीड़ में होती है. यहां पर श्याम के धड़ की अराधना के लिए लोग दूर दूर से पहुंचते हैं. जहां पर इनकी मुरादें पूरी होती हैं.