समय पर बच्चों को इलाज मिला तो मुस्कुराई जिंदगी, ऐसे किया अपने खुशियों का इजहार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम निशुल्क ऑपरेशन हुआ और वहीं रवीना के दिल का ऑपरेशन राजकोट अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में निशुल्क हुआ.
Laxmangarh: राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के तीन मासूम बच्चों के राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं वरदान साबित हुई है. समय पर बच्चों को इलाज मिला तो आज मुस्कुरा रही मासुम जिंदगी. दरअसल लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के नेछवा पंचायत की रूल्याणा माली गांव की रवीना, छात्रा की रीना सैनी और दिलीप सिंह तीनों बच्चे जन्मजात विकृति के कारण परेशान थे. जन्मजात बीमारियों विकृतियों से ग्रस्त नौनिहालों के लिए चिकित्सा विभाग का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जीवनदायिनी साबित हुआ.
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लक्ष्मणगढ़ सीएमओ डॉ. श्री राम चौधरी ने बताया कि हृदय में छेद की वजह से ठीक से सांस नहीं ले पा रही 15 वर्षीय स्कूली छात्रा रवीना और जीएसएस स्कूल मीरण की छात्रा रीना सैनी और जीएसएस स्कूल कुमास जागीर का छात्र दिलीप सिंह इन दोनों बच्चों के कान के परदे में छेद होने से लगातार मवाद आ रही थी तथा कान की हड्डी बढ़ना शुरू हो गई थी, जिससे सुनाई भी कम दे रहा था. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के दौरान जांच में यह पाया गया कि इन्हीं बच्चों की ऑपरेशन होना आवश्यक है.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम निशुल्क ऑपरेशन हुआ. वहीं रवीना के दिल का ऑपरेशन राजकोट अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में निशुल्क हुआ. वहीं छात्र दिलीप सिंह का चिरंजीवी योजना के माध्यम से सीकरी स्थित मनु हॉस्पिटल में कान के पर्दे का ऑपरेशन निशुल्क किया गया परिवार सर जी का खर्चा वहन करने में असमर्थ था दोनों के कान के परदे में छेद होने से लगातार मवाद आ रही थी. आज उपखंड क्षेत्र के तीनों ही मासूम बच्चे के स्वस्थ होने पर परिवार जन राज्य सरकार की जन कल्याण योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार का आभार व्यक्त कर रहे हैं. साथ ही मेडिकल टीम का भी आभार व्यक्त कर रहे हैं.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में गंभीर बीमारी से पीड़ित लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के तीन बच्चे लाभान्वित हुए हैं. जन्मजात विकृति के कारण यह बच्चे परेशान थे. जन्मजात बीमारियों और विकृतियों से ग्रसित नौनिहालों के लिए चिकित्सा विभाग का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जीवनदाई साबित हो रहा है. लक्ष्मणगढ़ बीसीएमएचओ डॉ. शीशराम चौधरी ने बताया कि ह्रदय में छेद की वजह से ठीक से सांस नहीं ले पा रही 15 वर्षीय स्कूली छात्रा रवीना अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और रवीना का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में निशुल्क ऑपरेशन हुआ है. रुल्याना माली निवासी आसाराम की बच्ची रवीना के जन्म के समय से ही दिल में छेद था.
इस कारण से वह काफी कमजोर थी. लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक सीएमओ की आरबीएसके टीम बी ने जीएसएस स्कूल रुल्याना माली (नेछवा) में बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया तब दिल में छेद का पता लगा. मोबाइल हेल्थ टीम बी में डॉ. रमाकांत शर्मा, डॉ मीनाक्षी राव, फार्मासिस्ट राजेंद्र मीणा तथा टीम ए में डॉक्टर राहुल कुमार, डॉक्टर सुलोचना सिंह, फार्मासिस्ट रामावतार शर्मा, नर्स गीता कुमारी शामिल थे. टीम ने इलाज के लिए उसे उच्च चिकित्सा संस्थान में रेफर कर दिया. रवीना को इससे पहले महावीर स्कूल में आयोजित मेगा निशुल्क ह्रदय शिविर में स्क्रीन किया था. इस शिविर का उद्घाटन सीएम अशोक गहलोत ने किया था. फलस्वरूप रवीना के दिल का ऑपरेशन राजकोट अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में निशुल्क हुआ है और अब रवीना पूर्णत स्वस्थ है.
दिल के छेद के ऑपरेशन में तीन से चार लाख रुपए का खर्चा आता है. इसी प्रकार से जीएसएस स्कूल मीरण की छात्रा रीना सैनी और जीएसएस स्कूल कुमास जागीर के छात्र दिलीप सिंह का चिरंजीवी योजना के माध्यम से सीकर स्थित मनु हॉस्पिटल में कान के पर्दे का ऑपरेशन (ओटाइटिस मीडिया) निशुल्क हुआ है. परिवार सर्जरी का खर्च वहन करने में असमर्थ था. दोनों के कान के पर्दे में छेद होने से लगातार मवाद आ रही थी और कान की हड्डी गलना शुरू हो गई थी, जिससे सुनाई भी कम दे रहा था.
रवीना के पिता आसाराम, रीना के पिता टिकुराम और दिलीप सिंह के पिता हीर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी, आरसीएचओ डॉ. निर्मल सिंह, बीसीएमओ डॉ. शीशराम, एडीएनओ डॉ. पवन शर्मा और तीनों विद्यालय के प्राचार्य का विशेष आभार जताया. एनएचएम के अंतर्गत आरबीसके कार्यक्रम के तहत प्रत्येक ब्लॉक में चिकित्सा विभाग की दो टीमें कार्यरत है जो सरकारी स्कूल आंगनवाड़ी केंद्र और मदरसा पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करती है और किसी बीमारी से ग्रसित होने पर उन्हें इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्थान में निशुल्क इलाज के लिए रेफर करती है. आरबीएसके के तहत बेहद गंभीर और कई सामान्य बीमारियों का सरकार द्वारा निशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है. इस कार्यक्रम के तहत कटे-फटे होंठ कटे-फटे तालु दिल के छेद सहित करीब 40 प्रकार की बीमारियों का इलाज होता है.