Srimadhopur: सीकर जिले के श्रीमाधोपुर कस्बे की कृषि उपज मंडी में रुपयों के लेन-देन के मामले को लेकर पिछले तीन दिनों से अनशन पर बैठे 85 साल के पूर्व पालिकाध्यक्ष सालिगराम चौधरी का अनशन. धरना समाप्त करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मंडी पहुंचे. आज पुलिस की मौजूदगी में अनशन पर बैठे पूर्व पालिका अध्यक्ष सालिगराम चौधरी को 108 एंबुलेंस से सीकर के लिए रैफर किया गया है. थानाधिकारी प्रकाश सिंह राठौड़ और तहसीलदार लोकेन्द्र मीणा ने सालिगराम चौधरी और परिजनों से अनशन तुड़वाकर और धरना समाप्त कर हॉस्पिटल में भर्ती करवाने के लिए समझाईश की. प्रशासन का कहना है कि पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस इसमें जांच कर रही है. 


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धरना हटाने के लिए काफी देर तक परिजनों के नहीं मानने और रूपए मिलने के बाद ही धरना हटाने की बात पर अड़े रहे तो पुलिस व प्रशासन ने कड़ी चेतावनी दी,जिस पर देर रात तक मंडी व्यापार संघ से वार्ता कर भूख हड़ताल तोड़ने और धरना समाप्त करने की बात कही. इधर, थानाधिकारी राठौड़ और तहसीलदार मीणा ने बताया कि एसडीएम दिलीप सिंह राठौड़ के आदेश पर अनशन पर बैठे चौधरी को हॉस्पिटल में भर्ती करवाने के लिए वे पहुंचे थे. 


इधर, अनशन और धरना हटाने की बात पर चौधरी के परिजनों ने रूपए नहीं मिलने तक मंडी ऑक्सन बंद रखने की शर्त रखी, जिसे मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष पवन चौधरी ने मंडी के सभी व्यापारियों और किसानों के हित को देखते हुए शर्त को मानने से इंकार कर दिया. कल शाम को थाना अधिकारी प्रकाश सिंह राठौड़ मंडी फिर पहुंचे वह धरना हटाने की समझाइश की जिस पर अग्रवाल समाज के अध्यक्ष बाबूलाल चौधरी ने सुबह 10:00 बजे तक का समय मांगा था, वह आपस में वार्ता कर समझौता करवाने की बात कही, जिस पर पुलिस प्रशासन ने चिकित्सक अशोक यादव को मौके पर बुलाकर सालिगराम चौधरी का मेडिकल परीक्षण करवाया. 


ये था मामला
सालिगराम चौधरी ने मंडी की कयाल ट्रेडर्स फर्म के व्यापारी मयंक कयाल और महेन्द्र कयाल को जौ बेचान करने व बेचान किए गए, जो का 1.55 करोड़ रूपए भुगतान नही करने का आरोप लगाते हुए 14 नंवबर को मंडी में आमरन अनशन शुरू किया. इसके बाद पुलिस थाने में चौधरी के पुत्र कृष्ण कुमार ने बुधवार को महेन्द्र कयाल और मयंक कयाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. इससे पहले  मंगलवार को दूसरे पक्ष के मंडी व्यापारी निरंजन कयाल ने परिवाद दर्ज कराया था कि सालिगराम चौधरी हमें बदनाम करने की नियत के तहत मंडी में उनकी दुकान के आगे आमरण अनशन कर व्यापार करने में बाधा डाल रहे है, जबकि व्यापार संबधी अथवा निजि तौर पर सालिगराम चौधरी उनसे कोई रूपए नहीं मांगते. पुलिस ने परस्पर मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


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