Rajasthan Politics: राजस्थान के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार 2 अक्टूबर को सीकर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ब्यूरोक्रेसी पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने भजनलाल सरकार पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाते हुए BJP प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की पॉवर पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए.


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शाम होने तक 3 गुणा बढ़ जाते हैं दाम- डोटासरा


गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में वर्तमान भजनलाल सरकार की अगर थोड़ी बहुत इज्जत बची हुई है, तो उसकी वजह कांग्रेस है. क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समय जो अधिकारी अच्छी जगह पोस्टेड थे, वो आज भी वहां पर काम कर रहे हैं. अच्छे विज़न के साथ काम कर रहे हैं. वरना इनकी इज्जत तार-तार हो जाती. 



अधिकारियों की पोस्टिंग करने के नाम पर वर्तमान सरकार ने लूट मचा रखी है. सुबह रेट कुछ, दोपहर तक कुछ और शाम होते-होते 3 गुणा रेट बढ़ जाते हैं. ऐसे काम एक नहीं, 8-9 काउंटर पर हो रहा है. गोविंद सिंह डोटासरा यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का जिक्र करते हुए आगे कहा कि मदन राठौड़ राजस्थान प्रशासनिक सेवा के किसी एक अधिकारी का ट्रांसफर नहीं करवा सकते हैं. 


 



डोटासरा ने कहा कि मैं यह बात बहुत जिम्मेदारी के साथ बोल रहा हूं. अगर किसी का हो जाए, तो उसे 1-2 दिन में ही हटा दिया जाता है. इस बारे में जब वो सरकार से पूछते हैं, तो अधिकारी कहते हैं कि ये तो कांग्रेस का आदमी था. हम सिर्फ भाजपा के आदमी को ही पोस्टिंग देंगे. डोटासरा ने कहा कि अरे भाई शर्म आनी चाहिए. ब्यूरोक्रेसी कब से भाजपा और कांग्रेस की होने लगी.


 



RAS अधिकारियों के ट्रांसफर पर डोटासरा ने उठाए सवाल


गोविंद सिंह डोटासरा ने इससे पहले 27 सितंबर को RAS अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट शेयर करते हुए गुड गवर्नेंस पर सवाल उठाए थे. गोविंद सिंह डोटासरा ने इस लिस्ट के जरिये दावा किया है कि राजस्थान में भजनलाल सरकार ने 10 महीने में 4 RAS अधिकारियों का 5 बार ट्रांसफर किया है. इसके अलावा 15 RAS अधिकारी ऐसे हैं, जिनका दिसंबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच 15 बार ट्रांसफर किया गया है. 



जबकि 10 महीने में 50 RAS अधिकारियों का 3 बार ट्रांसफर हुआ है. इन 50 नामों में 2 अधिकारी ऐसे हैं, जिनका 1 महीने में ही 3 बार ट्रांसफर किया गया है. गोविंद सिंह डोटासरा ने लिखा कि 360 डिग्री टेस्टिंग के बाद ट्रांसफर करने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने अधिकारियों को ट्रांसफर के नाम पर फुटबॉल बना दिया है. एक महीने में 3-3 बार इधर-उधर कर दिया. कई अधिकारी तो ऐसे भी हैं, जिन्हें ज्वॉइन करते ही अगले ट्रांसफर का आदेश मिल गया. क्या ऐसे गुड गवर्नेंस आएगी.