Sikar News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक अनोखी विवाह योजना शुरू की है. इससे कई प्रकार से लोगा का फायदा होगा.  इस योजना का उद्देश्य शादियों पर होने वाले खर्चे फिजूल खर्च, दहेज प्रथा और बाल विवाह को रोकना है.  इतना ही नहीं सामूहिक विवाह कराने वाली आयोजन संस्था को दस लाख तक की आर्थिक सहायता मिलेगी. राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना को 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान' योजना के नाम से जाना जाएगा.


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राजस्थान सरकार की ओर से सीएम सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह के आयोजन पर वधू एवं विवाह आयोजन करने वाली संस्था को अनुदान देंगे.  सीकर में सहायक निदेशक महिला अधिकारिता पद कार्यरत राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि, पंजीकृत संस्था की ओर से जिले में सामूहिक विवाह का आयोजन करने पर 25 हजार रुपये की राशि का दी जाती है, जिसमें से 21 हजार रूपये की राशि वधू के खाते में और 4 हजार रूपये संस्था के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं.


राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए आयोजक संस्था को सामूहिक विवाह आयोजन के न्यूनतम 15 दिन पहले एसएसओ आईडी के माध्यम से आनलाइन आवेदन करना जरूरी होता है. आवेदन के साथ ही जरूरी दस्तावेज, संस्था पंजीकरण के दस्तावेज, वर-वधू के आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, वधू एवं संस्था के बैंक खाते का विवरण अटैच करना होता है.


सहायक निदेशक ने ये भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष से राज्य सरकार की योजनान्तर्गत 'अनेकता में एकता' की भावना को लाने और सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए सामूहिक विवाह आयोजन में विभिन्न, जाति एवं धर्म के परिवार के कम से कम 25 जोड़ों का विवाह किया जाएगा.  इस पर संस्थान को प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त 10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. योजना के तहत सामूहिक विवाह अयोजन में भाग लेने वाले जोड़ों में वर या वधू में से कोई भी एक अनिवार्य रूप से राजस्थान का ही निवासी होना चाहिए.