Sikar News: भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू द्वारा जिला कलेक्ट्रेट पर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया.. प्रदर्शन से पहले ढाका भवन से रैली निकाली जो ढाका भवन से शुरू होकर कल्याण सर्किल पुलिस अधीक्षक कार्यालय होते हए जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची. जिला कलेक्टर पर मजदूरों द्वारा प्रदर्शन किया गया. 


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प्रदर्शन के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. मजदूर की मांग है कि चार श्रम संहिताओं को खत्म करो. राष्ट्रीय मौद्रिक पाईपलाईन को खत्म करो. निजीकरण बंद करो. सभी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 26 हजार- रूपये प्रति माह की जाए ठेका बदले जाने पर कार्यरत ठेका मजदूरों की सेवाओं को जारी रखा जाए. ठेका श्रमिकों की नौकरी सुरक्षित की जाए स्थाई कर्मचारियों के समान कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों को समान वेतन और हितलाभ सुरक्षित की जाए.



नई पेंशन हटाई जाए और पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए- योजनाकर्मी
आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स, आशा, मिड-डे-मील वर्कर्स तथा अन्य को मजदूर के रूप में मान्यता दी जाए तथा सभी को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने तक न्यूनतम वेतन 9 हजार- रूपए पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित की जाए. इस दौरान भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू के अध्यक्ष सुभाष नेहरा महामंत्री ब्रिज सुंदर जांगिड़ सहित मजदूर मौजूद रहे. बृज सुंदर जांगिड़ महामंत्री भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू सीकर इकाई ने बताया कि भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र सीटू की ओर से आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन दिवस मनाने के रूप में मनाया गया है, जिसमें हमारे सीकर जिले में सीटू से जुड़ी हुई, जो यूनियन है. 


राजस्थान रोडवेज आटो रिक्शा यूनियन भवन निर्माण यूनियन आंगनवाडी यूनियन इन सब की तरफ से हम लोग यह मांग कर रहे हैं कि जो चार शर्म संहिता मजदूरों के खिलाफ में मोदी सरकार ने बनाई हुई है, जो अभी लागू नहीं हुई है और वह लागू करने की कोशिश में हमारी सीटू की मांग है कि वह तमाम जो चार शर्म संहिता जो है, वह मजदूर विरोधी है. उन सभी को तत्काल रद्द किया जाए और न्यूनतम वेतन जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार हुआ है, वह हमारी सीटू की मांग है कि उसके अनुसार वह अभी 26 हजार रुपये से ज्यादा बनता है तो तमाम क्षेत्र में काम करने वाले जो मजदूर हैं. चाहे वह किसी क्षेत्र में हो. उनको कम से कम 26 हजार रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए. ठेका प्रथा पूरी तरह से बंद की जाए. 



सार्वजनिक उद्योग रेलवे हो. बैंक बीमा हो. हमारे राजस्थान रोडवेज हो. इनमें तमाम में जो निजीकरण की प्रक्रिया जिस तरह से सरकार आगे बढ़ा रही है, उसको रोकी जाए और नई भर्तियां हर क्षेत्र में शुरू की जाए. रेलवे में अभी सरकार ने संसद में बताया कि 9 लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं तो यह हमारे युवाओं के साथ बहुत बड़ा. खिलवाड़ है तो हम मांग कर रहे हैं कि सभी उद्योगों में भर्तियां है. वह तत्काल शुरू की जाए और बैकलॉग जो है. उसको खत्म किया जाए. आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए राजस्थान में बहुत ही कम मानदेय जो है, वह दिया जा रहा है. 9 हजार रुपये के लगभग तो सभी क्षेत्रों में हम कह रहे हैं कि वह कम से कम 26 हजार रुपये हो तो आज हमारे यहां सीटू जिला कमेटी के आव्हान पर प्रदर्शन करके आज जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया.