Sikar: सीकर जिले के खाटूश्यामजी कस्बे में बाबा श्याम के लाखों श्याम भक्तों को सुगम दर्शन व्यवस्था को लेकर जिला कलेक्टर व उपखंड अधिकारी के आदेश के बाद नगर पालिका प्रशासन द्वारा अस्थाई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी. दांतारामगढ़ रोड़ पर 20 दिन पहले अस्थाई अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर परिजनों का आरोप है कि कन्हैया लाल कुमावत की अतिक्रमण की कार्रवाई के कारण ही सोमवार की रात दो बजे लिखमाकाबास ग्राम में घर पर ही मौत हो गई. 


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लिखमाकाबास में मौत होने पर परिजनों व ग्रामीणों ने शव को नगर पालिका खाटूश्यामजी परिसर में रखकर विरोध प्रदर्शन कर धरने पर बैठ गये. धरना स्थल पर बैठे लोगों का आरोप है कि कन्हैयालाल का 20 दिन पहले अस्थाई अतिक्रमण हटाने से मानसिक पीड़ा के कारण और उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. कन्हैया लाल कुमावत हार्ट का मरीज था और बाइपास सर्जरी हुई थी इसी दौरान सोमवार रात्रि में अपने घर पर मौत होने के बाद परिवार जन नगरपालिका की कार्रवाई को जिम्मेदार मानते हुए जिम्मेदार ठहराया.


अधिकारी पहुंचे धरना स्थल पर 


नगरपालिका में दे रहे धरना की सूचना मिलने पर एसडीएम राकेश कुमार, डीवाईएसपी महावीर सिंह, तहसीलदार विपुल चौधरी,ईओ अरुण शर्मा व थानाधिकारी सुभाष चन्द्र यादव मौके पर पहुंचकर समझाइश करते हुए उनके एक प्रतिनिधिमंडल सुभाष जाखड़, भगवान सहाय ढाका, सागर मल सामोता,भंवर लाल जाखड़ भागचंद झिंझवाडिया, शंकर बल़ोदा आदि ने अधिकारियों से आठ मांगों को लेकर ज्ञापन दिया छ मांगों पर सहमति बन गई लेकिन पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी उचित मुआवजा की बात पर व नगरपालिका के अतिक्रमण दस्ते पर हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए की मांग पर सहमति नहीं बनी. 


SDM ने की दस 10 और नौकरी की पेशकश


एसडीएम राकेश कुमार ने चिरंजीवी योजना में 10 लाख की सहायता दिलवाने और एजेंसी द्वारा नगर पालिका में आश्रित को नौकरी की अनुशंसा सरकार को भेजने की बात रखी, लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बनी. मुद्दे से हटकर प्रतिनिधि मंडल ने उठाये अनेक मुद्दे जिनमें भागचंद झिंझवाडिया ने 10 से 40 हजार गरीबों को जुर्माना लगाने व कस्बे अवैध रूप से संचालित शराब दुकानों का मुद्दा उठाया वहीं शंकर लाल बल़ोदा ने कहा कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है तो वो नगरपालिका खाटूश्यामजी में है. 


नगर पालिका पर लगाया रिश्वत का आरोप


नगरपालिका प्रशासन हर फाइल पर 40 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक की खुली रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया.वही सबसे बड़ी समस्या कस्बे में आने वाले अवैध वाहनों के संचालन की बताई गई.नगरपालिका कर्मचारियों को पहचान कार्ड का भी मुद्दा उठाया तो उपखंड अधिकारी ने कहा कि हाथ ठेला रिक्शा,ई रिक्शा चालक,मन्दिर कमेटी कर्मचारी व पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारियों के लिए नेम प्लेट लगाई जायेगी जिससे भविष्य में किसकी गलती उसकी पहचान की जा सकेगी.


धरना स्थल पर डी फ्रीज भेजना भी बना चर्चा का विषय


मृतक के शव को नगरपालिका परिसर में रखकर धरना दिया जा रहा था अचानक धरना स्थल पर सीएचसी की मोर्चरी के दो डी फ्रिज में से एक डी फ्रीज नगरपालिका पहुंचकर शव को डी फ्रीज रखना भी चर्चा का विषय बना रहा.अधिकारियों ने कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा इसमें लापरवाही बरती गई.सीएचसी प्रभारी डॉ गोगराज सिंह निठारवाल ने फोन के जवाब पर डी फ्रिज धरना स्थल पर भेज दिया जो गलत था.उच्च अधिकारियों की बिना सहमति सीएचसी प्रभारी द्वारा डी फ्रिज भेजना नियम विरुद्ध है और सीएचसी प्रभारी ने डी फ्रीज देकर धरना को बढ़ावा देने का कार्य किया.


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