Sikar News: सीकर जिला मुख्यालय सहित जिले के अभी न्यायिक क्षेत्र में आज चौथी और इस वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबीत कई राजीनामा योग्य मामलों का निस्तारण किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत की प्रक्रिया एवं महत्व के बारे में जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मराज मीणा ने बताया कि मुकदमों के निस्तारण का यह सस्ता,सुलभ एवं सौहार्दपूर्ण उपाय है.


तकनीकी पेचीदगी भी नहीं होती है


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लोक अदालत के माध्यम से निपटाए गए प्रकरणों में पक्षकरो द्वारा कोर्ट फीस के रूप में अदा की गई कोर्ट फीस के स्टांप की राशि भी विपक्षकारों को वापस लौटा दी जाती है, जिससे पक्षकारों को सस्ता न्याय प्राप्त होता है. लोक अदालत की प्रक्रिया पक्षकारों की सहमति मात्रा पर आधारित होने से इसमें कोई तकनीकी पेचीदगी भी नहीं होती है.इस प्रकार यह प्रक्रिया पक्षकारों के मध्य पारस्परिक वैमनस्य को दूर कर पारस्परिक सौहार्द एंव सामंजस्य की स्थापना करने में भी सहायक साबित होती है.


 16 बेंचों का गठन किया गया 


लोक अदालत के माध्यम से निपटाए गए प्रकरणों का फैसला अंतिम होता है और इसकी कोई अपील नहीं हो सकती,जिसके कारण पक्षकारों को दीर्घकालीन मुकदमे बाजी से भी छुटकारा मिलता है.उन्होंने बताया राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत सीकर जिला मुख्यालय, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़,श्रीमाधोपुर,नीमकाथाना,रींगस,दांतारामगढ़ तालुका एवं खंडेला व धोद मुख्यालय पर कुल 16 बेंचों का गठन किया गया है.जिसमें आज प्रकरणों की सुनवाई एवं राजीनामा की कार्रवाई की जा रही है.


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