Sikar news: नीमकाथाना इलाके के निकटवर्ती ग्राम पंचायत लादी का बास के ग्रामीणों ने पंच एवं सरपंचों के चुनाव का सातवी बहिष्कार कर दिया. नामांकन के दिन एक भी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया जिससे पोलिंग पार्टी को बैरंग ही लौटना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक ग्राम पंचायत लादी का बास को अजीतगढ़ पंचायत समिति हटाकर फिर से पाटन पंचायत समिति में शामिल नहीं किया जाता तब तक ग्रामीणों का आंदोलन ही जारी रहेगा ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तो आने वाले विधानसभा चुनाव का भी ग्रामीण इसका विरोध करेंगे. 


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ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत मुख्यालय से पाटन पंचायत समिति लगभग 15 किमी दूर है. जबकि अजीतगढ़ पंचायत समिति लगभग 55 किमी दूर हैं. ऐसे में पंचायत समिति की दूरी बढ़ते ही लोगों को समय के साथ आर्थिक हानि झेलनी पड़ेगी. अजीतगढ़ पंचायत मुख्यालय से दूर होने पर ना तो साधन है और ना ही संपर्क है. ऐसे में सरकार ने लोगों को मुसीबत में डाल दिया. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नवंबर 2019 के परिसीमन में अजीतगढ़ नई पंचायत समिति बनाई थी जिसमें ग्राम पंचायत लादीकाबास को पाटन पंचायत समिति से हटाकर अजीतगढ़ में शामिल किया गया था.


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तब से लेकर आज तक ग्रामीण पाटन पंचायत समिति में शामिल होने के लिए ग्रामीण एकजुट है. रिटर्निंग अधिकारी राजेश कुमार चुलेट ने बताया कि ग्रामीणों को चुनाव में हिस्सा लेने के लिए समझाया गया था. नामांकन करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस भी चस्पा किए गए थे. लेकिन, ग्रामीणों ने रविवार को पंच-सरपंच पद के लिए नामांकन तक दाखिल नहीं किया. ग्रामीणों को समझाइस के दौरान साधुराम यादव, शंभूदयाल मीणा, सतीश कुमार वर्मा, मुकेश कुमार सैनी, ललित कुमार सैनी आदि मौजूद रहे.


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