सीकर: स्कूल बचाओ संघर्ष समिति के आवाह्न पर राजकीय सरकारी माधव स्कूल को मर्ज करने के मामले में छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने शहर में रैली निकाली. रैली दूजोद गेट घंटाघर सूरजपोल गेट अजमेर स्टैंड होते हुए वापस राजकीय माधव स्कूल पहुंची, जहां संघर्ष समिति और छात्रों की मांग है कि राजकीय सरकारी माधव स्कूल को मर्ज किया जा रहा है वह सरासर गलत है. स्कूल को किसी भी कीमत पर मर्ज नहीं करने देंगे. इसके लिए हमें चाहे कुछ भी करना पड़े. स्कूल में 250 के ऊपर बच्चे हैं उसके बावजूद भी सरकार द्वारा इसको मर्ज करने की जो कार्रवाई की जा रही है उसका विरोध करते हैं.


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सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग


राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने बताया कि राजकीय माधव स्कूल सीकर जिले के ऐतिहासिक धरोहर है.स्कूल में कई राजनेता, खिलाड़ी, अधिकारी पढ़ चुके हैं, लेकिन अब स्कूल को मर्ज करना गलत है. उन्होंने बताया कि सभी लोगों के साथ मिलकर स्कूल को बचाने के लिए लम्बी लड़ाई भी लड़नी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगे. बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित कर राजनेताओं पर दबाव बनाने का काम किया जाएगा. इस स्कूल में दलित, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़े वर्ग के बच्चे यहां पढ रहे हैं. ऐसे में इन बच्चों के लिए कोई ऐसा विद्यालय नहीं है जो इनकी प्रपोर स्कूलिंग करवा सके. उन्होंने सरकार से मांग कि की मामले को गंभीरता से लेकर निर्णय लिया जाए.


एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने बताया कि इस स्कूल को पिछले कुछ दिनों से साजिश के तहत कुछ भूमाफिया लोगों ने मिलकर स्कूल को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं. राजस्थान सरकार से मांग करते हैं कि माधव स्कूल उनके जिले की धरोहर है. ऐसे में इसको मर्ज नहीं कर इसे यथावत ही रहने दिया जाए. अगर इसके बाद भी उनकी मांग नहीं मानी गई तो एसएफआई सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे.


साजिश के तहत बंद करने का आरोप


1937 से शेखावाटी का सबसे पुराना स्कूल सर माधव सीकर की आस्था का केन्द्र हैं. एक तरफ सरकार स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए प्रयास कर रही है. ऐसे में सर माधव स्कूल को साजिश के तहत बंदं करने का प्रयास किया जा रहा है जो गलत है। उन्होने चेतावनी दी कि अगर स्कूल को बंद या मर्ज किया गया तो सभी लोग मिलकर सड़कों पर उतरेंगे और आंदोलन करेंगे. स्कूल के लिए सभी लोग मिलकर सरकार की ईंट से ईंट बजाने को भी तैयार रहेंगे. स्कूल को बचाने के लिए सांसद, विधायक से मुलाकात करेंगे और उन्हें स्कूल को बचाने का आग्रह करेंगे. उसके बाद भी अगर उन्होने साथ नहीं दिया तो उनका पुतला भी जलाया जाएगा.


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