Sirohi, Rajasthan : राजस्थान का सिरोही जिला देश और दुनिया में पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान रखता है. सिरोही के माउंट आबू में देश और दुनिया के पर्यटक आते है. माउंट आबू की पहचान राजस्थान के शिमला के रुप में होती है. गर्मियों में बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर से लेकर बीकानेर और अजमेर से लेकर भरतपुर, अलवर और जयपुर तक सभी लोग घूमने के लिए माउंट आबू जाते है. यहां लाखों पर्यटक आते है. तो पर्यटन के जरिए कई लोगों को रोजगार भी मिलता है. लेकिन पिछले कुछ समय में सिरोही की पहचान बढ़ते एड्स मरीजों की संख्या के रुप में सामने आ रही है.


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सिरोही जिले में इन दिनों एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जो कि एक चिंता का बड़ा विषय है हालांकि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस बीमारी की रोकथाम को लेकर भरसक प्रयास कर रहा है लेकिन मरीजों का आंकड़ा लगातार फिर भी बढ़ता जा रहा है.


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सिरोही जिले में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या का बढ़ना एक चिंता का विषय है. 7 वर्ष पूर्व यहां पर एक्टिव मरीजों की संख्या करीब 500 से अधिक थी. लेकिन आज एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 13 सौ से अधिक पहुंच चुकी है. पिछले 7 वर्षों में एचआईवी के कारण 300 से अधिक एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है. जिले में करीब 50 से अधिक मरीज ऐसे हैं जिन्होंने दवाई लेने से इनकार कर दिया. हर साल करीब डेढ़ सौ से 200 मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है जो कि एक गंभीर विषय है, स्वास्थ्य विभाग इसकी रोकथाम को लेकर भरसक प्रयास कर रहा है. जन जागरूकता और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहै हैं. लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.


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सिरोही में क्यों बढ़ रहा एड्स


सिरोही जिले में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण अशिक्षा बताया जा रहा है. जिसके कारण जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सिरोही जिला आज भी पिछड़े जिलों की गिनती में शामिल है. जिसका असर एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में देखने को मिल रहा है. यदि समय रहते जिले के हालात नहीं सुधरे तो काफी गंभीर परिणाम यहां पर भुगतने पड़ सकते हैं. वहीं जिले का अधिकांश भाग आदिवासी क्षेत्र में ऐसे में वहां जागरूकता को लेकर प्रशासन लगातार प्रयासरत है. लेकिन इन अभियानों में और ज्यादा तेज़ी लाने की आवश्यकता है.