Sirohi news: राजस्थान के सिरोही जिले के पिण्डवाडा उपखण्ड के आदर्श गाँव के लोगों ने जेके लक्ष्मी सीमेंट कम्पनी पर गांव के आम रास्तों और अन्य भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया. तहसीलदार के आदेशों की अवहेलना कर जबरदस्ती निर्माण कार्य करवाए जाने से आक्रोशित ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया. कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि उनके आदर्श गांव की स्थापना सन 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी. 


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उसे समय गांव के आने और जाने का जो मुख्य मार्ग है उसमें करीब ढाई बीघा जमीन पर कंपनी कब्जा करके उनका रास्ता बंद कर रही है. ग्राम वासियों का कहना है कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले अन्य रास्ते भी जेके लक्ष्मी सीमेंट द्वारा खरीदे हुए बताए जा रहे हैं, जो गांव का कोई राजस्व रास्ता नहीं रहता. गांव के आसपास उनकी व्यक्तिगत खातेदारी जमीन है, जिसके पास बिना सीमा ज्ञान करवाए कंपनी ने उनकी अनुपस्थिति में तानाशाही पूर्वक उनके खेतों में कुछ रिटायर्ड पटवारी से लगभग 40 से 80 फीट अंदर कब्जा किया जा रहा है.


 सीमा ज्ञान करवाए बगैर पार्क का निर्माण


गांव की आबादी भूमि के पास भी कंपनी किसी भी प्रकार का सीमा ज्ञान करवाए बगैर पार्क का निर्माण कार्य करवा रही है. कंपनी जहां पक्का निर्माण करवा रही है वह जमीन वर्तमान में भी आबादी किस्म की है, जबकि कंपनी उक्त जमीन का उपयोग व्यावसायिक रूप से कर रही है, जो राजस्व नियमों का उल्लंघन है. गांव के चारों तरफ बिल्ला नाम जमीनपुर में कंपनी ने तत्कालीन पटवारी से सांठगांठ कर अपने नाम करवा ली है, जिसके कारण वर्तमान में गांव के पास कोई बिल्ला नाम भूमि नहीं है, जिसकी नियम अनुसार जांच करवाई जाए. 


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कंपनी उनके मवेशी जिस रास्ते से रामपुर गांव के जोड़ में चलने के लिए जाते थे वहां की कंपनी रेलवे लाइन की नीचे पुलिया नहीं देकर मवेशियों के रास्ते को भी अवरोध कर दिया है. कंपनी से गांव को पर्यावरणीय दृष्टि से भी बहुत नुकसान हुआ है. कंपनी द्वारा रॉक फास्फेट के दौहन के उपरांत जो मिट्टी निकलती है वह हमारे जल के प्राकृतिक स्रोत में मिलाई जा रही है जिसकी एक परत नदी नालों में बह चुकी है. इससे जमीन का जलस्तर दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है जिसके कारण हमारे गांव पेयजल व कृषि जल के स्रोत रीत रहे हैं. कंपनी के माइंस में आए दिन होने वाली ब्लास्टिंग से उनके घरों की एवं सरकारी भवनों की तरह दीवारों में दरार आम बात बन चुकी है. 


ग्राम वासियों का कहना है कि एक बार उनके धरना प्रदर्शन के दौरान पिंडवाड़ा के तहसीलदार मैं मौका पर बनाकर 31 अक्टूबर 2023 तक कंपनी का निर्माण कार्य रुकवाया था और ग्राम वासियों को नियमानुसार सीमा ज्ञान करवाने का आश्वासन दिया था लेकिन 19 सितंबर को कंपनी द्वारा दलबल अपने सुरक्षा कर्मियों को लाया और हमारे साथ धक्का मुक्की कर जबरदस्ती कार्य चालू करवाया गया है. ग्रामीणों में न्यायिक जांच की मांग करने के साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.