Sirohi News: मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि संविदा पर नियुक्ति सरकारों का शोषण का दूसरा तरीका है. वे हमेशा से संविदा पर नियुक्ति के खिलाफ रहे हैं. सरकारों को कर्मचारियों की नियुक्ति रेज्यूलर भर्ती के माध्यम से ही करनी चाहिए. 


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संविदा पर नियुक्ति से पढ़े-लिखे बच्चों की जिंदगी को खराब किया जा रहा है. वे अपने परिवार के सपने भी पूरे नहीं कर पाते हैं. विडंबना है कि सारी सरकारें फिर चाहे राज्य की हो या केंद्र की वे इसी राह पर चल रही हैं. विधायक लोढ़ा विधानसभा क्षेत्र के पालड़ी एम के महाकाली मंदिर परिसर में ग्राम पंचायत सहायकों के जिला स्तरीय चिंतन शिविर को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. 


विधायक लोढ़ा ने कहा कि सरकारें ऐसा इसलिए करती हैं कि कम वेतन पर अधिक लोग उसे कार्य के लिए मिल जाते हैं. उन्होंने कहा कि जब लोककल्याण का दावा करने वाली सरकारें इस तरह का काम करने लग जाती हैं, तो वह समाज के लिए खतरनाक एवं घातक साबित हो जाता है. विधायक ने कहा कि आज अनपढ़ बेरोजगार नहीं बल्कि पढ़ा-लिखा नौजवान बेरोजगार है. अब समय आ गया है कि इस प्रकार की परिपाटी को नए सिरे से समझने की आवश्यकता है.


विधायक लोढ़ा ने संविदा कर्मियों से आह्वान किया कि जहां आपकों गलत दिखें उस पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें, उसका विरोध करें. मैं भी लोगों के हक के लिए कार्य करता हूं और जहां भी मुझे गलत दिखाई देता है उसका विरोध अवश्य करता हूं. विधायक लोढा ने कहा कि संविदा कर्मियों के नियमितिकरण की मांग और इस लड़ाई को लड़ने के लिए भी प्रतिबद्ध हूं, हम मिलकर सरकार पर दबाव बनाएंगे कि आपने चुनाव में वायदा किया है उसे पूरा करो. हम कोई भीख नहीं मांग रहे है, जिन वायदों पर आपने चुनाव लड़ा है और जो आपके घोषणा पत्र में है, उस पर सवाल जवाब अवश्य करेंगे. साथ ही, विधायक ने कहा कि आप सवाल उनसे भी करों, जिन्होंने देश में 2 करोड़ नौकरी देने, महंगाई को कम करने, डीजल और खाद्य के दाम करने का दावा कर सत्ता हासिल की.


सरकार जब भी मुकरी कटघरे में किया खड़ा
विधायक लोढ़ा ने कहा कि एक नागरिक होने के नाते हम भी समाज का एक हिस्सा है, जहां समाज के किसी तबके को जरूरत होती है, वहां उनकी आवाज का काम करते हैं. विधायक ने कहा कि मैंने समय-समय पर सरकार को याद दिलाया है कि आपने घोषणा पत्र में जो वायदे किए हैं, उन्हें पूरा करों और सरकार ने जब भी मुकरने का प्रयास किया है, पूरी ताकत के साथ उसका विरोध कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. विधायक ने कहा कि कर्मचारी आंदोलन कमजोर इसलिए पड़ जाते हैं कि कर्मचारी उस लड़ाई को सिर्फ अपनी सुविधाओं तक सीमित कर देते हैं. 


मैं तो उड़ते हेलीकॉप्टर पर लटक गया
इस मौके पर विधायक लोढ़ा ने संविदा कर्मियों से कहा कि आपको गलतफहमी है कि मैं सरकार हूं, मैं तो हेलीकॉप्टर उड़ रहा था, उस पर लटक गया और आज सिरोही की सेवा पूरे ध्येय के साथ कर रहा हूं. 


संविदा कर्मियों के नियमितिकरण की बात स्पष्ट नहीं संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण जसरापुर ने कहा कि वर्तमान में जो सरकार 1 लाख 10 हजार संविदा कर्मियों के लिए संविदा रूल्स 2022 लेकर आई है. यह रूल्स संविदा से संविदा में ही लेने के लिए सरकार ने बनाए सरकार ने चुनाव में वादा नियमितीकरण का किया था, लेकिन इन संविदा सेवा नियमों में कहीं भी नियमितीकरण की बात का स्पष्टीकरण नहीं हो रहा है. 


उल्टा इन संविदा कार्मिकों का जो 15 साल से सरकार की सेवा अल्प मानदेय में कर रहे थे, इनका पुराना अनुभव भी इन नियमों के तहत शून्य कर दिया गया है. सरकार को चाहिए तो यह था कि सरकार इनका मानदेय की जगह पे ग्रेड निर्धारित करती और इनको नियमित प्रक्रिया में डालती, लेकिन सरकार ने पुन: संविदा से संविदा में ही डाल कर इनके साथ धोखा किया है. अब संविदा कर्मी है समझ नहीं पा रहे हैं कि वह इससे खुश हो या दुखी हो. 


Reporter- Saket Goyal