Anupgarh: अनूपगढ़ की पंचायत समिति की ग्राम पंचायत 74 जीबी के गांव उदासर में रविवार को हृदय विदारक घटना हुई. गांव उदासर में एक परिवार के 5 मासूम बच्चों की खेत में बनी डिग्गी में डूबने से मौत हो गई. जब तक बच्चों को संभाला गया, डिग्गी में उतरे सभी बच्चों की मौत हो चुकी थी. 


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ग्रामीण, पुलिस और परिजनों के साथ बच्चों को लेकर रामसिंहपुर अस्पताल पहुंचे तथा चिकित्सकों ने भी बच्चों के मृत होने की पुष्टि कर दी. मृतकों में दो बालिकाएं तथा 3 बालक हैं, जिनमें दो सगे भाई-बहन हैं तथा शेष 3 चचेरे भाई बहन है. सभी की आयु 11 वर्ष से कम है. पुलिस ने कानूनी कार्रवाई कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए. उक्त मामलें में मृतकों के पिता की तरफ से सयुंक्त रूप से मर्ग दर्ज करवाई गई है. रविवार शाम को ही कल्याण भूमि में एक साथ सभी बच्चों को अंतिम संस्कार किया गया.


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सभी घरों में कोहराम मच गया
जानकारी मिलने पर सभी घरों में कोहराम मच गया. जानकारी के अनुसार गांव 5 आरटीएम उदासर निवासी भावना (11वर्ष) पुत्री गोरधन, राजेश (8 वर्ष) पुत्र गोरधन, निशा (10 वर्ष) पुत्री विनोद, अंकित (9 वर्ष) पुत्र संदीप और आशीष (8 वर्ष) पुत्र अनिल कुमार गांव उदासर के मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे एक खेत में बनी डिग्गी से कुछ दूरी पर खेल रहे थे. मौके पर मौजूद एक ग्रामीण ने बताया कि हरियाली तीज के उपलक्ष में 8-10 बच्चे खेलते-खेलते खिलौने की गुड्डिया को पानी में तैराने के लिए डिग्गी के पास पहुंच गए, जिसके बाद एक बच्चे का पैर फिसल गया, जिससे वह डिग्गी में गिर गया. उसे डूबते हुए देखकर चार अन्य भाई-बहन भी डिग्गी में उतर गए. सभी को डूबता देखकर एक बालिका ने खेत के कुछ दूरी पर काम कर रहे एक किसान को रोते हुए सारी घटना बताई, जिस पर वह तुरंत प्रभाव से मौके पर पहुंचा और शोर मचाया. 


नहीं बचाए जा सके बच्चे
देखते ही देखते मौके पर बच्चों के परिजनों के साथ-साथ लोगों की भीड़ जमा हो गई और डिग्गी से बच्चों को निकालने के प्रयास शुरु किए लेकिन जब तक बच्चों को डिग्गी से निकाला जाता, सभी की मौत हो चुकी थी. ग्रामीणों ने तुरंत प्रभाव से घटना की जानकारी पुलिस तथा प्रशासन को दी. रामसिंहपुर थानाधिकारी दोलाराम दल बल सहित मौके पर पहुंचे तथा बच्चों को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने सभी को मृत घोषित कर दिया. वहीं सूचना पर उपखंड अधिकारी प्रियंका तलानिया, पुलिस उपाधीक्षक जयदेव सिहाग, तहसीलदार राजेंद्र सिंह चौधरी, गिरदावर नरेश कुमार, रामकुमार लदोइया, हल्का पटवारी सुशीला, विधायक संतोष बावरी, जिला प्रमुख कुलदीप इंदौरा, पंचायत समिति प्रधान प्रतिनिधि राधागोपाल डागला सहित अन्य मौके पर पहुंचे. 


खाली करवानी पड़ी डिग्गी
डिग्गी के बाहर 6 जोड़ी चप्पल, 2 जोड़ी कपडे होने तथा डिग्गी से 5 बच्चों के शव मिलने के कारण डिग्गी में एक बच्चे के और शव होने की आशंका के चलते एक ग्रामीण को डिग्गी में उतारा गया, जिसने पूरे डिग्गी में एक अन्य बच्चे की आशंका के तहत तलाशी ली. वहीं पम्प लगाकर डिग्गी को खाली करवाया गया लेकिन गनीमत रही कि डिग्गी से कोई और शव नहीं निकला. घटना के बाद मौके पर मौजूद अन्य बच्चे बुरी तरह सहम गए. ग्रामीणों के बार-बार पूछने पर भी कोई जवाब देने की स्थिति में नहीं था. वहीं दूसरी तरफ मृत बच्चों के घरों में परिजनों और ग्रामीणों की रूलाई रूकने का नाम नहीं ले रही थी. बच्चों के पिता तो रामसिंहपुर अस्पताल में थे लेकिन उनके घरों में बच्चों की चार माताओं को कोई सुध नहीं थी. गांव की महिलाओं और अन्य रिश्तेदार उन्हें ढाढस बंधाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन उनका क्रंदन ढाढस बंधाने आई महिलाओं की रूलाई को भी नहीं थाम पा रहा था.


स्कूल से ली जानकारी, सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास
उक्त घटना के बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर घटना के संबंध में जानकारी जुटाई. पीडित परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके इसलिए डिग्गी में डूबे बच्चों की जानकारी लेने के लिए मृत बच्चों के घरों में गए लेकिन घर पर क्रंदन के कारण पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाने के कारण सरकारी स्कूल के अध्यापक को मौके पर बुलाया गया. और स्कूल से जानकारी जुटाई. 


अध्यापक ने बताया कि सभी बच्चे उदासर के ही सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं. राजेश का रमेश एक जुडवा भाई भी है. वो अपने घर ननिहाल गया हुआ है. वहीं यह परिवार मध्यम वर्गीय परिवार है. इनमें भावना कक्षा 6 में, राजेश कक्षा दूसरी में, निशा कक्षा 5 वीं, अंकित कक्षा 3 और आशीष कक्षा प्रथम में पढ़ता है.


Reporter- Kuldeep Goyal


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