Anupgarh Crime News:राजस्थान के अनूपगढ़ के गांव 87 जीबी में 30 जनवरी 2024 को एक 12 वर्षीय बच्चे की खेत में बनी डिग्गी में डूब जाने के कारण मौत हो गई थी. मृतक बच्चे के परिजनों की ओर से बिना पुलिस कार्रवाई किए बच्चों को शव को अनूपगढ़ के राजकीय चिकित्सालय से ले गए थे.


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मगर 2 अप्रैल मंगलवार को 12 वर्षीय मृतक बच्चे के पिता एसपी रमेश मौर्य के समक्ष पेश हुए और उन्होंने ईंट भट्ठे पर काम करने वाले 14 वर्षीय नाबालिग पर 12 वर्षीय बेटे मनोज की हत्या का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है. 


एसपी रमेश मौर्य ने अनूपगढ़ पुलिस थाने के एसएचओ अनिल कुमार को इस मामले में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए.मृतक के माता-पिता मूलतः यूपी के निवासी हैं और वह गांव 87 जीबी में एक ईंट भट्टे पर मजदूरी का कार्य करते हैं.



खेलने के लिए गया था मनोज
मृतक मनोज के पिता जगदीश (38) पुत्र मूलचंद निवासी खरका यूपी ने बताया कि वह अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ गांव 87 जीबी में स्थित एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी का काम करता है.उसने बताया कि 30 मार्च को ईंट भट्ठे पर ही काम करने वाला 14 वर्षीय नाबालिक लड़का उसके तीसरे नम्बर के बेटे मनोज (12) और एक अन्य 12 वर्षीय लड़के को सुबह लगभग 11 बजे खेलने के लिए ले गया.


जगदीश ने बताया कि जिस समय मनोज खेलने के लिए गया परिवार के सभी सदस्य घर पर ही थे. दोपहर लगभग 1:30 बजे तक मनोज लौटकर नहीं आया तो उसे 14 वर्षीय नाबालिग से जब पूछा गया तो उसने बताया कि मनोज पास के ही खेत में बनी डिग्गी में डूब गया है.


जगदीश ने बताया कि यह सुनते ही वह अन्य मजदूरों के साथ डिग्गी के पास पहुंचा और मनोज को डिग्गी से बाहर निकाल कर अनूपगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टर ने मनोज को मृत घोषित कर दिया.उन्होंने बताया कि परिवार के द्वारा पुलिस कार्रवाई करवाई बिना ही मनोज के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.



तीसरे लड़के ने बताई सच्चाई
मनोज के पिता जगदीश से बताया कि मनोज के साथ जो तीसरा 12 वर्षीय लड़का खेलने गया था जब उस घटना के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि 14 वर्ष से नाबालिक ने मनोज को डिग्गी में धक्का दे दिया था. 


उन्होंने बताया कि जब अन्य मजदूरों के साथ वह उसके परिवार को इस मामले पर शिकायत करने गया तो 14 वर्षीय नाबालिग लड़के के माता-पिता ने भी उसे जान से मारने की धमकी दी. मनोज के पिता जगदीश ने बताया कि 14 वर्षीय नाबालिग एक बार ऐसा कर चुका है मगर अन्य मजदूरों के द्वारा समझाइस किए जाने के बाद वह मामला शांत हो गया था.



मामले की होगी जांच
अनूपगढ़ पुलिस थाने के एसएचओ अनिल कुमार ने बताया कि जितनी है घटना हुई थी उसे दिन पुलिस के द्वारा मृतक के परिजनों को कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया था मगर परिजनों ने कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए मना कर दिया. एसएचओ ने बताया कि आज उन्हें परिवाद मिला है, परिवाद के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.


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