Anupgarh: विजय झोरड आत्महत्या केस में मिले सुसाइड नोट से नया मोड़, जानिए पूरा मामला
श्रीगंगानगर के घड़साना मे विजय सिंह झोरड आत्महत्या मामले ने एक नया मोड़ ले लिया. विजय सिंह झोरड की आत्महत्या के 45 दिन बाद मिले सुसाइड नोट से आत्महत्या मामले को एक नई दिशा मिली है.
Anupgarh: विजय झोरड आत्महत्या मामले में मिले सुसाइड नोट में पूरे मामले को एक दिशा प्रदान कर दी. सुसाइड नोट में जिन पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल है, उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार करने और पूरे मामले की जांच एसओजी से करवाने को लेकर घड़साना बार संघ ने मूल सिंह शेखावत की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया. वहीं इस मामले को लेकर पवन दुग्गल ने कहा कि कलेक्टर एसपी ने सुसाइड नोट में शामिल पुलिस वालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार नहीं किया तो पुलिस थाना घड़साना का घेराव किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
श्रीगंगानगर के घड़साना मे विजय सिंह झोरड आत्महत्या मामले ने एक नया मोड़ ले लिया. विजय सिंह झोरड की आत्महत्या के 45 दिन बाद मिले सुसाइड नोट से आत्महत्या मामले को एक नई दिशा मिली है. पूर्व में विजय सिंह झोरड आत्महत्या मामले को लेकर घड़साना में हुए आंदोलन के बाद पुलिस एवं बार संघ के नेतृत्व में चले आंदोलनकारियों के मध्य जो समझौता हुआ, जिसमें आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने संपूर्ण मामले की जांच एसओजी द्वारा करवाने पर सहमति बनी थी. परंतु पुलिस प्रशासन ने एसओजी से जांच ना करवा कर सीआईडी से जांच करवाना शुरू कर दिया.
जिसको लेकर बार संघ घड़साना ने एक बैठक आयोजित की बार संघ की बैठक की अध्यक्षता मूल सिंह शेखावत ने करते हुए कहा कि एसपी व कलेक्टर के साथ बार संघ का जो समझौता हुआ है. उस समझौते से प्रशासन बदल गया है और विजय सिंह झोरड द्वारा लिखित सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
उपरोक्त मामले में सांसद हनुमान बेनीवाल ने संज्ञान लेते हुए सुसाइड नोट में शामिल अधिकारियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा और साथ में यह भी बताया कि उपरोक्त अधिकारियों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो न्याय लेने के लिए आंदोलन शुरू किया जाए. वहीं माकपा से पूर्व विधायक पवन दुग्गल ने कहा कि एसपी, कलेक्टर जल्द सुसाइड नोट में शामिल पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर गिरफ्तार करें और तत्काल प्रभाव से मामले की जांच एसओजी या सीबीआई से करवाएं अन्यथा घड़साना थाने का एक बार फिर घेराव किया जाएगा.
जिसकी समस्त जिम्मेदारी एसपी कलेक्टर की होगी, पुलिस के उच्च अधिकारी एवं राजनीतिक आका दोषी पुलिस अधिकारियों को लगातार बचाने का प्रयास कर रहे हैं अगर उक्त अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो इस बार न्याय लेने के लिए हम कुछ भी करेंगे.
Reporter- Kuldeep Goyal
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