Sri ganganagar news: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ गांव  में 365 हैड से कनाडा गए 25 वर्षीय युवक लवली अरोड़ा की सड़क हादसे में मौत से परिवार बुरी तरह से टूट चुका है. वहीं लवली का शव गांव में लाने के लिए श्रीगंगानगर के एक एजेंट के जरिए दिल्ली एम्बेंसी में एप्लीकेशन भी लगाई गई है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों ने भी उच्च स्तर पर वार्ता की है. परिवार ने भारत व कनाडा सरकार से गुहार लगाई गई है कि उनके बेटे का शव जल्दी यहां लाया जाए. मगर अभी तक परिवार को यह पता नहीं है कि उनके बच्चे का शव कब घर पहुंचेगा जानकारी के अनुसार शनिवार-रविवार का अवकाश आ जाने के बाद उसके बाद ही कोई सूचना मिल पाएगी कि शव को 365 हैड में लाए जाने की क्या प्रक्रिया रहेगी.


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लवली अरोड़ा 28 सितम्बर को मिड नाइट करीब सवा बारह बजे सेह केलिफोर्निया में अनियंत्रित होकर ट्रेलर गलत दिशा में चला गया और सामने से आ रही कार से टकरा गया. टक्कर के बाद ट्रेलर में आग लग गई और हादसे में मौके पर ही उसकी मौत हो गई. हादसे के बाद अन्तर्राज्यीय 79 मार्ग पर ओहियो टाउनशिप पुलिस प्रशासन की ओर से ओहियो नदी से 279 सिप्लीट तक ऑनरैम्प बंद करवाकर आवागमन डायवर्ट कर दिया गया. मृतक लवली अरोड़ा मध्यम वर्गीय परिवार से था, उसके पिता लोकेश अरोड़ा व भाई निखिल धूड़िया खेतीबाड़ी का कार्य करते हैं और माता निशा रानी गृ​हिणी हैं.


छोटी बहन तनु कम्पीटीशन की तैयारी कर रही है. परिवार में तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा लवली अरोड़ा पारिवारिक स्थिति को भलीभांति समझता था, उसके मन में कुछ कर गुजरने का जुनून था, उसका सपना था कि वह विदेश में जाकर अपने परिवार का नाम रोशन करे और माता-पिता व परिवार को सुख भरा जीवन जीने को मिले. इसलिए 10वीं तक की पढ़ाई 365 हैड में करने के बाद श्रीगंगानगर में पढ़ने चला गया. वहीं 12वीं करने के बाद आइलेट्स की परीक्षा दी, लेकिन पहले प्रयास में उसका स्कोर अच्छा नहीं बन पाया.


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 इसके बाद उसने हौसला नहीं छोड़ा और अगले प्रयास में उसका स्कोर 6.5 बैंड हुआ तो परिवार ने किसी तरह उसके विदेश जाने का इंतजाम किया और लवली 28 जनवरी 2020 को कनाडा चला गया. वहां दो-ढाई साल तक पढ़ाई करने के बाद लवली का वर्क परमिट लग गया और वह टोरेंटो में वर्क वीजा से रहने लगा. वेयर हाऊस में उसने स्केनिंग बार व एकाउंट्स का कार्य किया. छोटी बहन तनु की अच्छे घर में शादी करने के लिए हार्ड वर्क करते हुए शनिवार व रविवार को छुट्टी के दिन टैक्सी भी चलाई. जैसा कि मृतक के चचेरे भाई आशीष छाबड़ा ने मीडिया को बताया मां एक ही बात कह रही मेरे बेटे से मिलवा दो. पांच दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक लवली का पार्थिव शरीर कब भारत आ पायेगा इसको लेकर लवली का परिवार लगातर परेशान हैं और सरकार से मांग कर रहा है की इस मामले में जल्द उनकी मदद की जाए.