Anupgarh: एक ओर सरकार ने मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए मनरेगा श्रमिकों की हाजरी ऑनलाइन की गई है. वहीं दूसरी ओर भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांव 18 एच में तकनीकी कारणों के कारण मनरेगा श्रमिकों की 2 जून से ऑनलाइन हाजिरी नहीं लग पा रही है, जिससे मनरेगा श्रमिकों के मानदेय में समस्या आ रही है. 


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मनरेगा श्रमिकों ने आम आदमी पार्टी के पूर्व संभाग अध्यक्ष अशकर अली के नेतृत्व में आज अनूपगढ़ पंचायत समिति में प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज करवाया है. मनरेगा श्रमिकों ने पंचायत समिति के विकास अधिकारी वैभव अरोड़ा को ज्ञापन सौंपते हुए पंचायत प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.


अनूपगढ़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायत 12 एच के गांव 18 एच मनरेगाकर्मियों ने बुधवार को पंचायत समिति विकास अधिकारी वैभव अरोड़ा को विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने के दौरान मनरेगाकर्मियों ने विकास अधिकारी वैभव अरोड़ा को अवगत करवाया कि बॉर्डर क्षेत्र होने के कारण नेटवर्क की समस्या आ रही है, जिससे 2 जून से उनकी हाजिरी नहीं लग पा रही है. कार्य करने के बावजूद उनको मजदूरी नहीं मिल रही है.


इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद महिला पुरूषों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि जेटीओ की तरफ से प्रत्येक 15 दिनों बाद टास्क का निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं जेटीओ द्वारा नरेगा मजदूरों से दुर्व्यवहार भी किया जाता है. उन्होंने इस समस्या को पंचायत के एलडीसी को अवगत करवाया गया है.


इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं करवाया गया है. इसके अलावा मनरेगा कर्मियों ने ग्राम पंचायत में पेयजल की किल्लत की समस्या को भी पंचायत समिति विकास अधिकारी के समक्ष रखा. विकास अधिकारी अरोड़ा ने सभी नरेगाकर्मियों की समस्याओं को सुनकर उनकी समस्याओं का निष्पक्ष निस्तारण करने की बात कही.


Reporter: Kuldeep Goyal