Anupgarh, Sriganganagar: हिमाचल प्रदेश निवासी एक व्यक्ति ने क्षेत्र के 3 व्यक्तियों पर एडीएम के झूठे हस्ताक्षर कर कृषि भूमि का फर्जी पट्टा जारी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया है. हाटा तहसील फतेहपुर जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश निवासी शेरसिंह पुत्र रसानूराम पुत्र जयसिंह ने पुलिस थाना में कृषि भूमि आवंटन अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी आवंटन आदेश जारी कर छल करने एवं रुपए हड़पने के अपराध का मुकदमा दर्ज करवाया है.


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अनूपगढ़ पुलिस ने आरोपी राजेन्द्र कुमार गोस्वामी लुनिया,राजेश विश्रोई तथा कर्मजीतसिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर मामले में अनुसंधान शुरू कर दिया है. पीड़ित ने मामला दर्ज करवाया है कि आवंटन अधिकारी एवं अतिरिक्त आयुक्त उपनिवेशन बीकानेर के द्वारा मृतक जयसिंह,निवासी हाडा,तहसील फतहपुर,जिला कांगडा (हिमाचल प्रदेश) के उत्तराधिकारी रसालू महिन्द्रसिंह, अग्रजसिंह,रीटादेवी एवं तारादेवी को जैसलमेर की तहसील मोहनगढ़ के चक 5 एनडब्ल्यूएम का मुरब्बा संख्या 134/52 के 23.5 बीघा कृषि भूमि आवंटन की.


उक्त मुरब्बा पर मुरादी पत्नी शेरखा मुसलमान निवासी बाहला का कब्जा था. इस कारण उन्हें उक्त रकबा का कब्जा प्राप्त नहीं हुआ. दिसम्बर 2019 में उनके पास राजेन्द्र कुमार गोस्वामी लुनिया,राजेश विश्रोई तथा कर्मजीतसिंह आए. उन्होंने स्वयं को तहसील घड़साना में पटवारी बताया. उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने उन्हें कहा कि जैसलमेर की तहसील मोहनगढ़ के चक 5 एनडब्ल्यूएम का मुरब्बा संख्या 134/52 के 23.5 बीघा कृषि भूमि का कब्जा उन्हें प्राप्त नहीं हो सकता. यदि वह चाहेंगे तो इसके बदले में घड़साना एवं अनूपगढ़ तहसील क्षेत्र में दूसरा रकबा आवंटन करवा देंगें. वह उनकी बातों में आ गया.


आरोपियों ने उससे कहा कि उक्त रकबा का सम्पर्ण कब्जाधरी के पक्ष में लिखवाना पड़ेगा. उन्होंनें उन पर यकीन कर 6 जनवरी 2020 को बिना किसी प्रकार की राशि लिए उप पंजियक कार्यालय जैसलमेर में सम्पर्ण दस्तावेज निष्पादित करवा दिया. इसके अलावा परिवादी ने रिपोर्ट में लिखवाया कि उपरोक्त आरोपी ने उनको तहसील अनूपगढ़ में लाकर तबादला आवंटन का कहकर कई लिखित कागजात पर तथा कई खाली कागजात एवं वकालतनामा पर हस्ताक्षर भी करवा लिए.


उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने माह फरवरी 2020 में उसे अनूपगढ़ बुलाया. जहां उनके साथ दो व्यक्ति और थे. उन्होंनें उसे एक आवंटन आदेश की छाया प्रति देते हुए कहा कि उनको चक 8 जेएम का मुरब्बा संख्या 225/48 के किले संख्या 1 से 12 के 3.162.5 हैक्टर रकबा आवण्टन हो चुका है. शेष 13 बीघा की कार्रवाई चल रही है. रकवा का कब्जा एक साथ दिलवा देंगे.


उपरोक्त व्यक्तियों ने आवंटन के राशि की किश्त जमा करवाने के लिए एक लाख रुपए भी उससे ले लिए. इसके बाद उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने कई बार अपने मोबाईल फोन से बात की तथा उससे करीबन छ लाख रूपए आवंटन शुल्क के नाम पर नगद एवं अपने खाता में जमा करवा लिया. काफी समय बीत जाने के बाद भी जब उक्त जमीन का कब्जा नहीं मिला तो उन्होंनें तहसील में पता किया तो पता चला कि 8 जेएम की जमीन किसी और के नाम से आवंटित हैं. उक्त आरोपियों की तरफ से जो आवंटन आदेश दिया गया,वह अधिकारी की तरफ से जारी नहीं किया गया व उस पर आवंटन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं.


आरोपियों ने जो आदेश दिया था उस पर तत्कालिन आवटंन अधिकारी अरविन्द जाखड़ के हस्ताक्षर है. मामले में लिखवाया कि अरविन्द जाखड़ 28 जनवरी 2020 को श्रीगंगानगर मुख्यालय में एडीएम विजिलेन्स के पद पर कार्यरत थे. उक्त आदेश ना तो आवण्टन कार्यालय में है एवं ना ही तहसील कार्यालय में उपलब्ध है.


परिवादी ने लिखवाया कि उक्त आरोपियों ने उन्हें धोखा में रखकर सम्पर्ण की आड में दस्तावेज विक्रय विलेख निष्पादित करवा लिए है. उसने जब मुरादी एवं शेरखा से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तो उपरोक्त तीनों व्यक्तियों को नौ लाख रूपए दिए है. पुलिस ने परिवादी की लिखित रिपोर्ट के आधार पर मुकद्मा दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं.


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