Tonk: देशभर में कोरोना महामारी के बाद आपदा से उभरे देशवासी एक ओर जहां दीपोत्सव का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मना रहे है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान की राजधानी जयपुर से महज 100 किमी दूर देश की सबसे चर्चित विधानसभा मुख्यालय टोंक का सबसे बड़ा एकमात्र सरकारी सआदत अस्पताल मनमौजी डॉक्टरों के चलते बदहाल हो रहा है.


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नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से एनआईसीयू वार्ड के वॉर्मर पर झुलसने से बच्ची की हुई मौत


मुख्यालय से दूर जश्न में डूबे डॉक्टर


पिछले चार दिनों से प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीना सहित दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टर बिना सूचना के जिला मुख्यालय से कई सौ किमी दूर अपने गृह जिलों में जश्न में डूबे हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर जिला अस्पताल में आने वाले जिलेभर के रोगी, हादसों में घायल और तिमारदार परेशान हो कर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. जी न्यूज के संवाददाता पुरुषोत्तम जोशी ने अस्पताल पहुंच कर जब जायजा लिया तो परेशान मरीज और तिमारदारों ने रो-रोकर अपनी पीड़ा सुनाई.


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देश में सबसे बड़े अखाड़े टोंक जिले के एकमात्र सरकारी अस्पताल में पिछले चार दिनों में आउटडोर से लेकर इनडोर और इमरजेंसी तक में हालत रामभरोसे नजर आ रही है. डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ की मनमानी से परेशान रोगियों और तिमारदारों ने आज जब अस्पताल में बखेड़ा खड़ा किया तो हमारे संवाददाता मौके पर पहुंचे, और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मीना से मरीज की फोन पर वार्ता को रिकॉर्ड किया.


फोन पर तिमारदार की इमरजेंसी के दौरान प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मीना ने गैरजिम्मेदारना जवाब देते हुए यहां तक कह दिया की हॉली-डे आपकों पूछ कर जिला मुख्यालय से बाहर जाऊंगा क्या. इमरजेंसी है तो मैं क्या करूं. डॉक्टरों को दिखाइए. वहीं, परेशान महिला रोगियों ने भी रो-रोकर अपनी पीड़ा सुनाई.


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बदसलूकी की तस्वीरें जगजाहिर हो चुकीं


प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मीना के गैर जिम्मेरदाना इस रवैये की यह पहली और आखिरी तस्वीर नहीं है. इससे पहले भी कोरोना महामारी से लेकर अब तक कई बार मरीज और तिमारदारों के साथ मीडियाकर्मियों से बदसलूकी की तस्वीरें जगजाहिर हो चुकी हैं. लेकिन कांग्रेस में राजनीतिक के ऊंचे रसूखातों के उच्च अधिकारियों को धौंस दिखा कर लगातार अपने पद का लाभ ले रहे हैं.


साथ ही सप्ताह में कई बार अक्सर जिला मुख्यालय से नदारद होकर विधानसभा और सचिवालय में नेताओं से मुलाकात की चर्चाएं अस्पताल के गलियारों में बनी रहती हैं. मरीजों की माने तो पिछले चार दिनों में कई बार शिकायत करने की कोशिशे की लेकिन ना जिला कलेक्टर चिनमयी गोपाल ने कोई सुध ली, ना हि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने. ऐसे में अब परेशान लोगों ने मनमौजी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है.


Reporter- Purshottam Joshi