Niwai: श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विष्वविद्यालय, जोबनेर के अन्तर्गत कार्यरत कृषि महाविद्यालय, झिलाई में ''कॉलेज का स्थापना दिवस व विश्व पर्यावरण दिवस'' मनाया गया हैं. कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन के साथ अतिथियों का स्वागत किया तथा पूजा, सपना व रीना ने स्वागत गीत ''मन की वीणा से गुंजीत ध्वनी मंगलम्, स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् व कुलगीत'' प्रस्तुत किया.


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महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ रामप्रसाद जाट ने कॉलेज की प्रगति के बारे में बताया कि एक वर्ष में जमीन आवंटन, शिक्षा व्यवस्था सहित आधारभूत सुविधाओं के साथ काफी विकासीय कार्य किये. तथा डॉ. जाट ने विष्व पर्यावरण दिवस के बारे में बताया कि विकास के साथ दुनियाभर में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा हैं. वन और जंगल नष्ट किये जा रहे है, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में प्रदूषण लेवल बढ़ रहा हैं. बढते प्रदूषण और प्रकृति को होने वाले नुकसान को कम करने को लेकर जागरुकता अभियान चलाने के लिए पर्यावरण दिवस मनाये जा रहे हैं. इस दिन पर्यावरण के प्रति लोगों को प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने की अपील की जा रही हैं.


पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए पहली बार साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण दिवस मनाने की घोषण की थी, तब से पूरी दुनिया में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैं. इस वर्ष पर्यावरण दिवस 2022 की थीम ''केवल एक पृथ्वी रखी हैं'' जिससे प्रकृति के साथ सद्भाव रखना है. पर्यावरण के बचाव के उपाय में स्वच्छता अभियान, मृदा व वन संरक्षण के साथ वायु और जल शुद्धिकरण के उपचार, प्लास्टिक उपयोग पाबन्दी, जैविक पद्धति के साथ शुद्ध व पौष्टिक आहार से उत्तम मानव स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला प्रमुख टोंक सरोज बंसल ने कृषि षिक्षा पर जोर दिया. साथ ही विष्व पर्यावरण दिवस के बारे में अपने विचार व्यक्त किये.


आजादी महोत्सव सहित प्रधानमंत्री योजनाओं के अन्तर्गत सभी जनदेश विकास में भागीदार बनें. कृषि व जलवायु में आपसी अन्तर्गत घनिष्टता से विकासीय कार्यों को देखा जा सकता हैं. भारतीय संस्कृति, षिक्षा व कृषि सबसे अग्रणी रही हैं. प्रकृति में जल, वायु, प्रकाष, मृदा और आकाष को प्रदूषण से रोकें ताकि शुद्ध पंच तत्वों से मानव स्वास्थ्य के विकास को बढावा मिलें. वायु शुद्धिकरण करें, जिससे कृषि की गुणवत्ता बढेगी. घर, गांव, खेत को स्वच्छ रखे, गन्दी नालियों को साफ करें, पानी का अनावष्यक दुरुपयोग नही करें, कचरा यथा स्थान पर कचरापात्र में डालें, वृक्ष लगाने का संकल्प ले तथा कम से कम 1 वर्ष पालने की जिम्मेदारी रखें. जैसे मां बच्चे का पालन-पौषण करती हैं, वैसे ही वृक्षों का पालन-पोषण करें तथा कॉलेज विकास कार्यों की प्रसन्नता की और अधिष्ठाता डॉ. जाट को में समन्वयक कायों के लिए धन्यवाद दिया.


विशिष्ट अतिथि प्रधान पंचायत समिति निवाई रामअवतार गुर्जर ने कहा कि पुरानी और परम्परागत शुद्ध आहारों पर जोर दिया तथा छात्र अच्छी पढाई कर आगे बढें. अतिथि प्रधान पंचायत समिति चाकसू उगन्ता ने छात्रों को कृषि षिक्षा से किसानों को लाभान्वित करें, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को अपनायें. कुलसचिव, डॉ. के. एन. मोदी युनिवर्सिटी निवाई सन्दीप गुप्ता ने जानकारी दी कि कृषि प्रधान देष होने से कृषि को बढावा देना चाहिए तथा प्रयोगषाला और अन्य सुविधाओं हेतु मोदी विश्वविद्यालय की तरफ से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया. छात्र रामरतन छरंग ने पर्यावरण पर कविता "चलो मिलकर पेड लगाते हैं'' की प्रस्तुती दी.


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छात्र रामरतन व अजय ने ''मरुधरियां धौरा में चलो ऊंटगा'' गीत पर नृत्य किया. अदिति शर्मा ने देष में कृषि महत्व पर भाषण दिया. विद्या शर्मा ने घुमर बोल पर नृत्य किया. इस दौरान ''कुर्सी, बेलून व रुमाल खेल'' का कार्यक्रम रहा और कृषि क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ. साथ ही मुख्य अतिथि द्वारा विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया गया. इस कार्यक्रम में विजय गोविन्द चौधरी, परविन्दर चौधरी, घनष्याम जांगिड, चन्द्रप्रकाष स्वर्णकार, कृपाषंकर शर्मा और जीतराम चौधरी तथा कॉलेज के सभी विद्यार्थीगण और कर्मचारी उपस्थित रहे.


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