Tonk: ऐसा ही एक सनसनीखेज घोटाले का मामला टोंक जिले की कलमंडा ग्राम पंचायत में सामने आया है.जहां सरपंच और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर सरकार के राजस्व को चपत लगाने का मामला उजागर हुआ है.एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस सनसनीखेज घोटाले का भंडाफोड़ किया है.अब इस युवक को धमकियां दी जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 यह मालपुरा पंचायत समिति की कलमंडा ग्राम पंचायत में एक नाड़ी पर चल रहे मनरेगा कार्य की है.जहां श्रमिक नाड़ी पर काम करने के बजाय नाड़ी की पाल पर बैठकर मौज काट रहे हैं.दूसरी तस्वीर में एक जेसीबी नाड़ी में खुदाई कर रही है.


इधर जब आरटीआई कार्यकर्ता महेश मीना ने बताया कि मनरेगा में कार्य शुरू होते ही एक फोटो मौके का अपलोड किया जाता है.लेकिन हर बार इस तरह फोटो अपलोड किया जाता है कि श्रमिकों की पहचान नहीं हौती.लेकिन जब दूसरी मस्टरोल के भी फोटो आनलाइन देखें गए तो वहीं फोटो बार बार दूसरी मस्टरोल में भी अपलोड किया जा रहा है.


मस्टरोल 60 श्रमिकों की है.लेकिन मौके पर चंद श्रमिक बैठे हैं. वह भी काम नहीं करते हैं .पूरा काम जेसीबी से करवाया जाता है.उसके बदले श्रमिकों और सरपंच एक राशि निर्धारित करते हैं जो श्रमिकों को भूगतान आने कै बाद दी जाती है. शेष राशि श्रमिकों के बैंक खाते से निकलवाकर ले ली जाती है.


इतना ही नहीं महेश मीना ने सिंचाई विभाग द्वारा करवाए गए कार्यों में भी ऑपन टेंडर के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के गम्भीर आरोप लगाए हैं.इधर जब सिंचाई विभाग के अधिकारियों से पूरे मसले पर जानकारी लेनी चाही तो किसी भी अधिकारी ने इस भ्रष्टाचार पर बोलने से इंकार कर दिया और ऑफ कैमरा सिर्फ इतना कहा कि स्थानीय नेताओं का दबाव रहता है.हम क्या कर सकते हैं.


ये भी पढ़ें- Vande Bharat Express: डेढ़ साल बाद अजमेर से नई दिल्ली रेललाइन पर दौड़ेगी वंदेभारत एक्सप्रेस, हाईटेक इतनी की पायलट को मिलेगा अलर्ट