राजस्थान के वो लोकदेवता, जिनके पास सरकारी नौकरी मांगने आते हैं बेरोजगार युवा
Tonk News: राजस्थान में लोकदेवताओं की मान्यता, आस्था और उनके चमत्कार किसी से छिपे नहीं है. प्रदेश के कई जिलों में लोकदेवताओं के धार्मिक स्थानों पर लक्खी मेलों का आयोजन अक्सर होता है, जिसमें जिले के सुरेली में तेजाजी का लक्खी मेला, डिग्गी कस्बे में कल्याणधणी का मेला और घास ग्राम पंचायत में घास भैरू का मेला देशभर में चर्चित रहता है.
Rajasthan News: आज हम आपको घांस भैरू के मेले के बारे में बताते है, जिसका परम्परागत तरीके से आय़ोजन किया गया. इस मेले में लोगों की मान्यता है कि बेरोजगार युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए यहां मनौती मांगने है तो सरकारी कर्मचारी, अधिकारी नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए तो वहीं भूत-चुड़ैलों यानी ऊपरी बाधा को भी यहां दूर किया जाता है. इतना ही नहीं जिन महिलाओं के बच्चे नहीं होते है उनकी भी मनोकामनाएं यहां पूरी होती है.
टोंक जिले के घास गांव में राजस्थान के आराध्य लोक देवता घास भैरू का ऐतिहासिक मेले का आज बड़ी धूमधाम के साथ आयोजन हुआ. घास भैरू की प्रतिमा को आज गांव के चारों ओर सवारी को घुमाया गया. इस बार घास भैरू की सवारी को गांव की परिक्रमा लगवाने के लिए 11 जोड़ी बैलों को जोता गया. मोटे-मोटे रस्से और भारी भरकम तेज तर्रार बैलों ने पूरी ताकत लगाई, लेकिन कई बार घास भैरू मचल गए और रस्सियां टूट गई.
इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है, लोगों की आस्था घास भैरू को लेकर कितनी है. हजारों की तादाद में उमड़े लोग, महिलाएं, युवाओं का हुजूम देखते ही बना. दर्जनभर जोड़ी बैलों की घास भैरू की मूर्ति की सवारी को खैंच रहे थे. लोग जयकारे लगाकर घास भैरू को मनाने की कोशिश कर रहे थे. युवाओं ने अपने मोबाइलों में वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाले.
बैलों की जोड़ियों को जोत रहे ग्रामीणों ने कई बार कोशिश की आखिरकार बड़ी मुश्किल के बाद घास भैरू अपने नियत स्थान पर पहुंचे, फिर शुरू हुआ आस्था-अंधविश्वास और विज्ञान को चुनौती देने वाला मामला. घास भैरू के घोड़ले यानी पुजारी के शरीर में भाव आया और फिर शराब का भोग लगा कर श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामनाएं मांगी.
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रिपोर्टर- पुरषोत्तम जोशी