Rajasthan Politics: टोंक विधायक सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के विधानसभा में दिए बयान को अप्रत्यक्ष रूप से अशोभनीय बताया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


सचिन पायलट ने टोंक दौरे के दौरान कहा, '' धारीवाल जी के मामले में संज्ञान स्पीकर साहब ने लिया है. धारीवाल जी ने माफी मांग ली है. स्पीकर जी ने उन्हें सजा दे दी है मामला खत्म हो गया है, लेकिन मैं इस बात पर आज भी कायम हूं कि कोई भी व्यक्ति हो किसी भी दल का हो, अशोभनीय भाषा, शब्दावली का चयन बहुत महत्वपूर्ण है. पब्लिक लाइफ में, सबको इस पर संज्ञान लेना चाहिए.''



उन्होंने उदयपुर में कांग्रेस नेता की हत्या को लेकर भी कहा कि प्रदेश सरकार की चूक है. अराजकता का माहौल है, वह इसलिए है कि इस राजस्थान सरकार का मल्टीपल पावर दिल्ली में है. वहां से जैसे निर्देश आते हैं...यहां अफसरशाही हावी है. ऐसी धारणा आम लोगों की बनी हुई है.



उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्प मत की सरकार है. वे राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में हुई हार पचा नहीं पा रहे हैं. इनके (बीजेपी) नेता 400 पार की बढ़चढ़ कर बात करते थे, 250 भी नहीं आई, खुद 240 पर अटक गए.


उन्होंने कहा कि 8 महीने में सरकार का ऐसा माहौल बन गया कि बिजली के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. सदन में हम सवाल करते हैं उनका जवाब मंत्रियों से सही नहीं आता है. लीपाफोती हो रही है. इस बात से विधानसभा अध्यक्ष भी सहमत होंगे.



पायलट ने कहा कि सरकार 4 लाख नौकरियां देने के लिए संकल्पित होने की बात कहती है, लेकिन संकल्पित से काम नहीं चलेगा. युवाओं को नौकरियां देनी पड़ेगी.  पूर्व SC आयोग के चैयरमेन और पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा के बीजेपी छोड़ने के मामले में पायलट ने कहा कि कांग्रेस ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो सभी को जाति, धर्म को साथ लेकर चलती है. यह बात राहुल गांधी ने भी संसद में कही है. राहुल गांधी ने तो दो गारंटी दी है जातिगत गणना कराने और किसानों की फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए एमएसपी कानून बनाने की जिसे केंद्र सरकार ने नकार दिया है. सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.


। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बैसाखियों की सरकार है. सरकार की जन विरोधी नीतियों से 400 सो पार का नारा सफल नहीं हुआ. केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए झूठी घोषणा की है. चंद्र बाबू नायडू और नीतीश कुमार 4-6 महीने बाद यह समझ जाएंगे. यह झूठी घोषणा धरातल पर उतरने वाली नहीं है. इन दोनों राज्यों से हमारा कोई झगड़ा नहीं है लेकिन राजनैतिक फायदे के लिए इन्हें 1 लाख करोड़ का बजट दिया और राजस्थान को कुछ नहीं.