टोंक जिले में सूदखोरों का मकड़जाल, कर्ज में डूबे लोग आत्महत्या के लिए मजबूर, SP से जान बचाने की लगाई गुहार
टोंक जिले के निवाई में सामने आया है. जहां सूदखोरों के एक गिरोह की चपेट में कई परिवार आए चुके हैं. इसमें से दो परिवारों ने पुलिस अधीक्षक से जान बचाने की गुहार लगाई है. राजधानी जयपुर से लेकर टोंक,भीलवाड़ा सहित कई ऐसे जिले हैं जहां सूदखोरों से परेशान कई लोग अब तक आत्महत्या कर चुके हैं.
Tonk News: राजस्थान में सूदखोरों का मकड़जाल पैर जमाता जा रहा है. भले ही सूबे की सरकार और पुलिस महकमें के बड़े अधिकारी सूदखोरों पर सख्त कार्रवाई करने का दम भरते हो लेकिन आज भी पुलिस थानों में सूदखोरों की पैरवी खुलकर की जा रही है. सूदखोरों के ऊंचे रसूख ऐसे हैं कि गरीब और पीड़ित परिवार सहित आत्महत्या करने को आमादा है. ऐसा ही एक मामला टोंक जिले के निवाई में सामने आया है. जहां सूदखोरों के एक गिरोह की चपेट में कई परिवार आए चुके हैं. इसमें से दो परिवारों ने पुलिस अधीक्षक से जान बचाने की गुहार लगाई है.
सूदखोरों गिरोह की चपेट में कई परिवार
राजस्थान में सूदखोरों की गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है. राजधानी जयपुर से लेकर टोंक,भीलवाड़ा सहित कई ऐसे जिले हैं जहां सूदखोरों से परेशान कई लोग अब तक आत्महत्या कर चुके हैं. बावजूद इसके आज तक इन सूदखोरों के खिलाफ कोई व्यापक कार्रवाई देखने को नहीं मिली. हालांकि जयपुर पुलिस मुख्यालय की ओर से कुछ महीने पहले ही सभी पुलिस अधीक्षकों और थानाधिकारियों को सूदखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन हकीकत आज हम आपकों दिखाएंगे तो आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे.
राजस्थान की राजधानी जयपुर से महज 100 किमी दूरी पर स्थित टोंक जिले के निवाई से आई इस दिल दहलाने देने वाली खबर को आपको देखना चाहिए, समझना चाहिए कैसे आज भी सूदखोरों के आगे खाकी से लेकर काले कोट तक नतमस्तक है. कैसे यह खादी के सफेदपोशों की शह पर आमजन को लूट रहे हैं.
निवाई के राजेश शर्मा और मोहनलाल शर्मा को शहर के ही सूदखोरों ने व्यापार को बढ़ाने को लिए रूपयों का ऐसा लालच दिया कि जितना रूपया उधार लिया था. उससे कई गुना लाखों रुपया वसूल चुके हैं, लेकिन अब तक असल राशि बकाया ही है और अपनी कई संपतियों को बेच चुके हैं.
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सूदखोरों का गिरोह निवाई में सक्रिय
निवाई निवासी ममता शर्मा और राजू लाल शर्मा को भी ब्याज खोरों ने ऐसा जकड़ा कि अब तक लाखों रुपए की उधारी के चलते करोड़ों रुपए इन सुदखोरों को दे चुके हैं. हद की बात तो यह है कि अपने सपनों के महल घर तक को बेच चुके हैं.पत्नी ममता ने भी अपने पति की इज्जत और जिंदगी बचाने के लिए पूरे जेवर बेच दिए . मंगलसूत्र तक बेच दिया. जो बच्चे निजी स्कूल में पढ़ाई कर सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे थे आज वो सरकारी विद्यालय में फटे हाल पढ़ाई-लिखाई करने को मजबूर है.
सूदखोरों का निवाई में गिरोह के सक्रिय सदस्य है ये- सुरेश स्वामी, दयाराम स्वामी, कपिल शर्मा, सूवालाल शर्मा, बेणी जाट, नारायण जाट, मोहन जाट, जयप्रकाश गुप्ता, सीताराम शर्मा, ज्ञानचंद चंवरिया, सूरज यादव, भीमराज शर्मा. निवाई पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के बाद भी पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप है.