गबन के पैसे और ब्याज ना देने पर 2 पूर्व चिकित्सा अधिकारियों सहित 12 के फिलाफ केस
Tonk News: राजस्थान मेडीकल रिलिफ सोसायटी के पैसे में गबन किया गया. इसकी रिकवरी के लिए नोटिस जारी होने के बाद भी राशि 18 प्रतिशत ब्याज सहित जमा नहीं करवाने पर चिकित्सा अधिकारी ने दो पूर्व चिकित्सा अधिकारियों और 10 कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
Tonk, Malpura: राजस्थान मेडीकल रिलिफ सोसायटी की राशि में गबन करने और नोटिस जारी होने के बाद भी राशि मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित नहीं जमा करवाने पर मालपुरा थाने में चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. अनिल मीणा की ओर से दो पूर्व चिकित्सा अधिकारियों सहित आधा दर्जन कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है.
मामले में बताया गया कि राजस्थान मेडिकल रिलिफ सोसायटी केन्द्र मालपुरा के सचिव के पद पर पूर्व में डॉ. अर्जुन दास सिन्धी और डॉ. विद्या मघनानी कार्यरत रह चुके हैं. 25 जुलाई 2016 से 1 अप्रेल 2019 तक और 5 जुलाई 2019 से 30 सितंबर 2020 तक सचिव के पद पर डॉ. अर्जुन दास सिन्धी और 1 अक्टूबर 2020 से 25 मार्च 2022 तक की अवधि में सचिव के पद पर डॉ. विद्या मघनानी कार्यरत रही हैं. निदेशालय चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं राज जयपुर के निदेशक के आदेश अनुसार वित्तीय वर्ष 2011 से 2022 तक के लेखों की जांच दल सदस्यों द्वारा हरिराम कुमावत लेखाधिकारी एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं अजमेर जोन, अजमेर के पर्यवेक्षण में जांच की गई.
उक्त जांच के अनुसार 25 जुलाई 2016 से 4 फरवरी 2019 तक 35 लाख 78 हजार 508 रुपए की राशि और 5 जुलाई 2019 से 30 सितंबर 2020 तक 75 हजार 950 रुपए और 1 अक्टूबर 2020 से 25 मार्च 2022 तक 11 लाख 30 हजार 777 रुपए की राशि का राजस्थान मेडिकल रिलिफ सोसायटी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मालपुरा में गबन होना पाया गया. उक्त राशि का गबन डॉ. अर्जुनदास सिन्धी, डॉ. विद्या मंघनानी और उनके अधिनस्थ कर्मचारी केशवकान्त शर्मा लेखाकार, एनएचएम रामकिशन विजय लेखाकार, मोहम्मद सलीम नकवी कनिष्ठ सहायक, कल्पना प्रजापत कनिष्ठ लेखाकार इन सभी के कार्यकाल के दौरान सरकारी राशि का गबन हुआ है.
जिसकी वसूली के लिए सभी व्यक्तियों को वसूली का नोटिस जारी किये गये थे. लेकिन नोटिस मिलने के बाद भी उक्त व्यक्तियों द्वारा गबन की गई राशि मय 18 प्रतिशत ब्याज आज दिन तक जमा नहीं करवायी गयी हैं. इस पर निदेशालय, चिकित्वा एवं स्वास्थ्य सेवायें, राजस्थान जयपुर के आदेश व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक के आदेशानुसार उक्त दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के आदेश मिलने पर सभी के खिलाफ माल पर थाने में मामला दर्ज करवाया गया है.