Tonk latest News: राजस्थान के टोंक जिले में सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सआदत की चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बुरी तरह से चरमराई हुई है. अस्पताल में मरीज तो दूर अस्पताल प्रबंधन के लिए ही पीने का पानी तक मौजूद नहीं है. राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर सुनील सिंह और जॉइंट डायरेक्टर सुभाष खोलिया आज अस्पताल का निरिक्षण करने पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने अस्पताल के लापरवाह चिकित्सकों और PMO डॉक्टर बीएल मीणा की लापरवाह कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी. 


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स्थानीय लोगों की शिकायत पर विकेश खोलिया ने अस्पताल की पेयजल व्यवस्था देखी तो वो खुद हैरान रह गए. उन्होंने PMO बीएल मीणा को तुरंत पेयजल व्यवस्था को सुचारु कराने के निर्देश देकर सख्त लहजे में कार्रवाई की चेतावनी भी दी. लोगों ने शिकायत जताई है कि अस्पताल में कई जरूरी दवाईयां नहीं है. साथ ही अस्पताल में होने वाली चोरी की वारदातों को लेकर भी शिकायत की गई. वहीं निरीक्षण करने आए अधिकारीयों ने व्यवस्थाओ में सुधार को लेकर दिशा निर्देश भी दिए. लेकिन देखना ये होगा कि क्या वाकई अस्पताल की लचर व्यवस्थाओं में कुछ सुधार हो पाता है या नहीं हो पाया है. 


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 गलोद घाट पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से किए जा रहे पुल के निर्माण में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले में आई आंधी के चलते कई टन वजन के पुल का हिस्सा टूटकर नीचे नदी में गिर गया. गनीमत रही की देर शाम और मौसम खराब होने के कारण नीचे कोई मौजूद नहीं था वरना बड़ा हादसा हो सकता था.


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आपको बता दें कि करीब 250 से ज्यादा गांवों की जिला मुख्यालय से सीधे कनेक्टिविटी के लिए करिब 135 करोड़ रुपये की लागत से गलोद घाट पर करीब 2 किलोमीटर लम्बे पुल का निर्माण किया जा रहा है. हालांकि मई 2024 तक इसका निर्माण कार्य पूरा किया जाना है. अभी करीब 70% कार्य किया जा चुका है. निर्माणाधीन पुल का हिस्सा नीचे गिरने से कहीं ना कहीं पुल के निर्माण और उसकी गुणवत्ता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.