Tonk: खेतों में खड़ी गेहूं और चने की फसलों पर पड़ी आड़ी, सरसों पर संकट चिंता में किसान
जिले के उनियारा क्षेत्र के सोप कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में मंगलवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला रहा. दोपहर बाद से ही आसमान में बादल छाने के साथ तेज हवा चलती रही.लगातार तेज हवा चलने से खेतों में खड़ी गेहूं व चने की फसलें आड़ी पड़ गई. वहीं खेतों में कटी पड़ी सरसों की फसल में नमी आने से किसानों में चिंता हैं.
Tonk: दोपहर बाद से ही मौसम खराब होने के बावजूद किसानों ने खेतों में डेरा डाले रखा और खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को बचाने के लिए तरह-तरह के जतन करते रहे.सोप कस्बे में 75 से 80 प्रतिशत सरसों की फसल खेतों में खड़ी हुई है,जिन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कभी खाद का संकट तो कभी सिंचाई के लिए बिजली का और अब फसल पककर तैयार हुई तो बिन मौसम बरसात का भय।इसी भय व चिंता में जी रहा है किसान.
मंगलवार दोपहर बाद से ही अचानक मौसम का मिजाज बदला तो किसानों के दिल की धड़कने ओर भी बढ़ गई. आसमान में बिजलियां भी चमकी,लेकिन ईश्वर का शुक्र रहा कि हल्के चने के आकार के घढे 5-10 मिनट पड़कर रह गए।सोप कस्बे क्षेत्र में करीब आधे घंटे तक बेमौसम बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. बारिश होने से किसानों की खेतों में खड़ी सरसों व गेहूं की फसलों को नुकसान होने का अनुमान है. कस्बे क्षेत्र में तेज बारिश की वजह से किसान मायूस है.
सोप कस्बे में के रामधन,रामभज,मोहन,पुखराज, मोती शंकर, लड्डू,महावीर ,आदि किसानों ने बताया कि 10 मिनट तक चने के आकार के घढे पड़ने से सरसों की खडी फसलों में नुकसान हुआ है और आधे घंटे तक रुक रुक कर बारिश का दौर चला. जिससे सरसों गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है.आसमान में दिनभर बाद छाए रहे. वहीं, हवा का दौर भी चलता रहा.दोपहर बाद तो हालात यह थे,कि बादलों ने पूरे आसमान को आगोश में ले लिया.
इसके साथ ही मौसम के खराब होने से कई किसानों की खेतों में गेहूं की फसलें आड़ी पड़ गई. इसके साथ ही मौसम में बदलाव और ठंड का असर शुरू हो गया है.ग्रामीणों ने बताया कि धुलंडी के दिन बारिश होने से त्योहार में भी ठंड का असर दिखाई दिया है.
वर्तमान में अधिकांश किसानों की फसलें कटकर खेतों में पड़ी हुई है.गेहूं की फसल भी पक कर तैयार है।तेज बारिश से सड़कों पर पानी बह निकला.अलीगढ़ सड़क मार्ग पर बरसाती पुलिया का नाला अवरुद्ध होने से बरसात का पानी सड़क पर भरने से पैदल राहगीरों ओर दुपहिया वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इसके बाद भी कुछ देर तक रुक-रुककर बारिश का दौर चलता रहा. सोप सहकारी समिति अध्यक्ष मधु बाला शर्मा,नवल शर्मा,चंद्रमोहन शर्मा,राजेंद्र नागर सहित अन्य किसानों ने बताया कि कटाई का सीजन चलने से अभी खेतों में सरसों, की फसलें कटी पड़ी हैं.
अचानक हुई बारिश से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया.बेमौसम हुई बारिश ओर ओलावृष्टि एवं तेज हवा से खेतों में खड़ी एवं कटी पड़ी फसलों में काफी नुकसान हुआ है.इस समय खेतों में गेहूं,सरसों,चना,की फसल खड़ी हुई है.उन्होंने प्रशासन से फसलों का सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा उपलब्ध करवाने की मांग की है.
सोप क्षेत्र की, देवली झुडवा,आमली, मोहम्मदपुरा, पायगा, ग्राम पंचायतों इस वर्ष 10 हजार 699 हेक्टेयर में रबी की बुवाई हुई है. इसमें 8 हजार 130 हेक्टेयर में हुई
सरसों की बुवाई
कृषि विभाग के सोप सहायक कृषि अधिकारी बलराम मीना के अनुसार इस वर्ष रबी सीजन में किसानों ने सोप सहायक कृषि अधिकारी क्षेत्र में, 8130 हेक्टेयर में सरसों की बुवाई की है.अभी 50 प्रतिशत सरसों की फसल कट चुकी है,जिन खेतों में अंतिम समय में बुवाई की है,उन खेतों में ही सरसों की कटाई चल रही है.कुछ किसानों ने सरसों थ्रेसर से निकलवाकर मंडी में बेच भी दी है.लेकिन अभी 60 से 70 प्रतिशत सरसों की फसल खेतों में है.
जिन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.मौसम में आए बदलाव को देखते हुए किसान खेत में कटी पड़ी सरसों के ढेर को थ्रेशर से निकलवाने के लिए ट्रेक्टर व थ्रेशर के जुगाड़ में जुटे नजर आए.अचानक थ्रेशर की डिमांड बढ़ने से किसानों को थ्रेशर नहीं मिलने से दिनभर एक गांव को छोड़कर दूसरे गांव में ट्रेक्टर व थ्रेशर की तलाश करते रहे.
सोप निवासी किसान मोहन धाकड़, पुखराज धाकड़ मोती शंकर धाकड़, महावीर, रामधन धाकड़,आदि ने बताया कि इस वक्त अधिकांश किसानों की सरसों की फसल कटकर खेतों में पड़ी हुई है.आसमान में बादल छाने से एकाएक थ्रेशरों की मांग अधिक बढ़ने से गांव में ट्रेक्टर व थ्रेशर नहीं मिल रहे हैं.
टोटे को देखते हुए कई ट्रेक्टर मालिक जहां पहले 900 रु प्रति घंटे के हिसाब से किराया ले रहे थे,अब वे 1000 से 1200 रु मांग रहे हैं.मंगलवार सुबह से ही आसमान पर बादल छाने के कारण मौसम में बदलाव हो गया.सोप सहायक कृषि अधिकारी क्षेत्र में इस बार 2 हजार 145 हेक्टेयर में किसानों ने गेहूं व 271 हेक्टेयर में चने की बुवाई की है.गेहूं व चना अभी पकने की दहलीज पर है।इसलिए अभी कटाई शुरू नहीं हुई है.
करीब एक सप्ताह में गेहूं व चने की कटाई भी शुरू हो जाएगी।लेकिन इससे पहले मौसम में आए बदलाव से गेहं व चने पर भी संकट मंडरा रहा है.सोप कृषि पर्यवेक्षक बृजमोहन मीना ने बताया है कि सोप कस्बे में पचाला व खिजुरी की तरफ के माल में ही ओलावृष्टि व बारिश से एक दो किसानों के खेतों में खड़ी सरसों की फसलों में नुकसान होने का अनुमान है कृषि विभाग के टीम नुकसान का सर्वे कर रहे हैं,
शाम को हुए नुकसान की रिपोर्ट बता दी जाएगी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना टोल फ्री नंबरों पर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए सोप सहायक कृषि अधिकारी बलराम मीना के बताया है. ओलावृष्टि व बारिश से हुए नुकसान का हमारे सुपरवाइजर टीमें सर्वे कर रही है सोप में ओलावृष्टि, होने से खड़ी सरसों की फसलों में 10-15 प्रतिशत नुकसान हुआ है.जहां गेहूं की फसल खेत में बिछने का डर है वहीं बारिश होने से चने की फलियां तड़कने का डर है.इससे किसान की परेशानी बढ़ी हुई है.