Tonk News : नाथड़ी के जिंद बाबा स्थल पर 5 जून को अनूठी शादी होगी. शादी में बैंड भी बजेगा, शहनाई भी कानों में रस घोलेगी, बारातियों का भोजन भी होगा तो दहेज में ढेर सारा सामान, लेकिन दूल्हा होंगे 4 गांवों के ठाकुरजी मंदिर में विराजित शालिगराम भगवान और दूल्हनें होंगी नाथड़ी बगीची में स्थित 4 पीपल के पेड़. जी हां उपखंड के नाथड़ी गांव के जिंद बाबा स्थल पर 5 जून को यह अनोखी शादी होने जा रही है.


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पीपल विवाह को लेकर भगवान गणेश को निमंत्रण के बाद रविवार को देवपुरा, कल्याणपुरा खोखर का झूपड़ा, कुरेड़ी, काशीपुरा में स्थित ठाकुरजी मंदिर में दूल्हा (शालिगराम) के यहां लग्न पत्रिका भेजी गई. मंत्रोच्चार के साथ लग्न पत्रिका कार्यक्रम संपन्न हुआ तथा ग्रामीणों को वैवाहिक समारोह में शामिल होने को लेकर न्यौता दिया गया. इस दौरान महाराज लादूराम गोठिया, देवालाल खोखर, कैलाश, बन्नालाल, गिर्राज, धन्नलाल, बाबूलाल, किशनलाल, मोहन, रमेश, कानाराम, महेन्द्रसिंह राजावत, कजोड़मल, सीताराम, रामलाल, रतनलाल, केदार, शिवजीराम खोखर आदि लग्न लेकर पहुंचे.


रीति रिवाज के साथ होगी शादी


नाथड़ी में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ 4 पीपल के पेड़ों की धूमधाम से हिंदू रीति-रिवाज के तहत शादी संपन्न होगी. इस शादी में डोली भी सजेगी बैंड भी बजेगा और धूमधाम से ठाकुर जी की बारात भी आएगी. शादी समारोह के लिए घर में बेटी के विवाह की तरह ही गांव के लोगों को पीले चांवल देकर निमंत्रण दिया जा रहा है. पहरावणी, बारात अगवानी, चाक भात की तैयारियां को लेकर भी पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.


हरी भरी बगीची हैं


नाथड़ी जिंद बाबा स्थल पर पर्यावरण सरंक्षण को लेकर विभिन्न तरह के पेड़ होने से यहां के वातावरण खुशनुमा रहता हैं. महाराज लादूराम गोठिया बाबा के सान्निध्य में श्रद्धालुओं द्वारा पेड़ पौधे लगाने से लेकर इनके संरक्षण को लेकर महत्ती भूमिका निभाई हैं. मान्यता है कि जिस प्रकार से घर में बेटी को कुंवारी नहीं रखना चाहिए उसी तरह पीपल के पेड़ की भी शादी अवश्य करवानी चाहिए, इसलिए यह आयोजन रखा गया है. पूर्व में भी यहां से ऐसे आयोजन हो चुके हैं.


ठाकुरजी का स्वरूप है पीपल का पेड़


पीपल को ठाकुर जी का स्वरूप माना गया है. यह विवाह समारोह ठीक उसी तरह से होगा जिस तरीके से एक बेटी की घर से विदाई की जाती है. इसके लिए मंदिर में आकर्षक तरीके से सजावट की जाएगी. पंडित कैलाशचंद त्रिपाठी, चंद्रमोहन शर्मा द्वारा गोधूलि बेला में शुभ मुहूर्त के साथ विवाह संपन्न करवाया जाएगा. इस आयोजन में उपखंड क्षेत्र के 5000 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे.


सभी तरह के धार्मिक आयोजन होंगे


जिंद बाबा स्थल कार्यक्रम संयोजक रामप्रसाद चौधरी, शिवजीराम खोखर ने बताया कि हमारे धर्म में पेड़ पौधों को भी विशेष महत्व दिया गया है और वर्तमान समय को देखते हुए पर्यावरण का संरक्षण होना बेहद जरूरी है. पीपल के विवाह की भी मान्यता है. शादी के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी फल मिलता है. यह दुनिया का एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है और कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करता है. पीपलू. नाथड़ी जिंद बाबा स्थल से पीपल विवाह को लेकर दूल्हें (शालिगराम) के यहां लग्न पत्रिका भेजी गई.


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