`लक्ष्यराज सिंह हक की बात करें तो बताएं उसका क्या हक है`,विश्वराज सिंह के राजतिलक और धूणी दर्शन के बाद विवाद खत्म
Rajasthan News: `लक्ष्यराज सिंह हक की बात करें तो बताएं उसका क्या हक है`. विश्वराज सिंह मेवाड़ ने ये बात कही. विश्वराज सिंह के राजतिलक और धूणी दर्शन के बाद विवाद खत्म हो गया है.
Rajasthan News: उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में राजतिलक की रस्म और धूणी दर्शन को लेकर छिड़ा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है. बुधवार शाम करीब 6:30 बजे राजतिलक की परंपराओं के तहत विश्वराज सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस में धूणी दर्शन किए.
धूणी दर्शन की रस्म:
धूणी दर्शन के लिए विश्वराज सिंह मेवाड़ के साथ सलूंबर के देवव्रत सिंह रावत, रणधीर सिंह भींडर, और बड़ी सादड़ी के राज राणा समेत पांच लोग शामिल हुए. सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी वहां मौजूद रहे. सिटी पैलेस के मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई थी और पुलिस बल तैनात किया गया था.
शोक भंग की रस्म:
राजतिलक की रस्म पूरी होने के बाद बुधवार सुबह विश्वराज सिंह ने मेवाड़ के शासक देवता एकलिंगजी के दर्शन किए. इसके बाद पारंपरिक शोक भंग की रस्म में उन्हें रंगीन पगड़ी पहनाई गई. यह रस्म उनके निवास स्थान पर पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति में संपन्न हुई. उदयपुर राजघराने के विवाद को लेकर विश्वराज सिंह मेवाड़ ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी है.
विश्वराज सिंह ने कहा कि आज जिस तरह से नारे लगे ‘ये झांकी है? सिटी पैलेस बाकी है’, उसका साफ मतलब है? कि इस पर कानूनी विवाद है? और फैसला होना बाकी है. उन्होंने कहा कि अगर लक्ष्यराज सिंह हक की बात करें तो बताएं कि उसका क्या हक है. वसीयत के एग्जीक्यूटर उसके पिता है. वो सामने नहीं आए.
मेवाड़ राज परिवार में चल रहे विवाद के बाद अब डॉक्टर लक्ष्य सिंह मेवाड़ ने भी अपनी बात मीडिया के सामने रखी है. उन्होंने बताया कि केवल राजनीतिक रोटियां सीखने के लिए यह जगह नहीं है. पारिवारिक विवाद अपनी जगह है लेकिन इसे राजनीतिक रूप देना गलत है. पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद की उन्हें पहले से ही जानकारी मिल रही थी.
इसके चलते लक्ष्य सिंह मेवाड़ ने प्रदेश भर के अखबारों के जरिए नोटिस की जानकारी भी दी थी. जबरन उनके घर में प्रवेश करने के माहौल को लेकर वह बिल्कुल नाराज दिखे और सभी से संविधान को मानने की अपील की.
राजनीतिक लोगों की सोची-समझी साजिश
डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि यह जो घटना बीते दिनों में हुई है वह बिल्कुल अप्रिय है. इस तरह की घटना हम शहर में बिल्कुल भी नहीं चाहते हैं. यह राजनीतिक पदों पर बैठे हुए कुछ लोगों की सोची समझी साजिश है. इसी वजह से मामले को इस तरह का रूप दिया गया. जिस तरह से सड़कों पर हजारों लोग हथियार लेकर चल रहे थे इससे कोई भी बड़ी घटना घट सकती थी.
जज्बाती नहीं हों, सच्चाई को जानना है जरूरी
डॉ लक्ष्य सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस के अंदर वकीलों के साथ मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो भी लोग सिटी पैलेस में प्रवेश करने के लिए आए थे उन्हें जज्बातों में नहीं आना चाहिए. उन्हें सच्चाई की जानकारी होना भी बहुत जरूरी है. कई कारण है. जिसकी वजह से यह विवाद चल रहा है. जबरन किसी के घर में घुसना बिल्कुल भी सही नहीं है.
उदयपुर जिला प्रशासन ने लगाई धारा 163
उदयपुर जिला प्रशासन की ओर से शहर में धारा 163 लागू कर दी गई है. शहर के अंदरूनी हिस्से में एक साथ झुंड बनाकर घूमने, धारदार हथियार अपने साथ में रखने वाले, सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार की धार्मिक हाव-भाव से जुड़े मैसेज भेजने को लेकर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस तरीके का काम करता हुआ पाए जाने पर उसके खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.